- नालंदा के बाद सारण में जहरीली शराब का तांडव, माले जांच दल ने किया घटनास्थल का दौरा
- शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ पर कार्रवाई सरकार, मृतक परिजनों को 20 लाख का मुआवजा दे.
पटना 19 जनवरी, तीन दिन पहले नालंदा में तांडव मचाने के उपरांत इस बार सारण में जहरीली शराब ने तांडव मचाया है. जहरीली शराब से हो रही मौत अब एक आम परिघटना बन गई है. न जाने कितनी मौतों के बाद नीतीश कुमार की नींद खुलेगी. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सारण जिला के मकेर व अमनौर प्रखंड के दो गांवों में जहरीली शराब से हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि जबतक शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ की जांच नहीं होती, जिसकी ओट में जहरीली शराब का कारोबार चल रहा है और उस गठजोड़ पर कार्रवाई नहीं होती, यह सिलसिला रूकने वाला नहीं है. लेकिन बारंबार आग्रह के बाद भी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और जहरीली शराब के जरिए गरीबों का जनसंहार रचवा रही है. आज भाकपा-माले के दरौली विधायक सत्यदेव राम के नेतृत्व में पार्टी के मकेर प्रभारी राम कुमार महतो, जिला नेता बिजेनद्र मिश्र और अमनौर प्रखड सचिव जीवनंदन राम सहित अन्य स्थानीय साथियों की एक जांच टीम ने दोनों गांवों का दौरा किया और पूरे मामले की जानकारी ली. माले जांच दल ने कहा है कि अब तक पांच लोगों की मौत की सूचना मिली है, जबकि दो अन्य लोग इलाजरत हैं. मरने वाले लोगों में 1. रामनाथ राम, 57 वर्ष, नरसिंहभानपुर, अमनौर; 2. मो. ईशा, 50, बंगला वसंतपुर, अमनौर; 3. कृष्णा महतो, 55, परमानंद छपरा, अमनौर; 4. बृजबिहारी राम, 55, नंदन केतुका, मकेर और 5. भरत राम, 40, नौकाढ़ा, मकेर शामिल हैं. सूरज बैठा, 50, तारा, अमनौर और पलटन महतो, 35, परमानंद छपरा, अमनौर इलाजरत हैं. मृतक परिजनों को 20 लाख रु. का मुआवजा, अस्पताल में भर्ती दो लोगों का सरकारी खर्च पर इलाज और शराब माफिया-राजनेता-प्रशासन गठजोड़ पर कार्रवाई की मांग को लेकर कल 20 जनवरी को जिले में भाकपा-माले की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा. विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि बिहार सरकार जहरीली शराब से हो रही मौतों के असली कारणों तक नहीं जाना चाहती और लगातार बेहद गैरजिम्मेवारी का परिचय दे रही है. विधानसभा के आगामी सत्र में इस सरकार को जहरीली शराब से हुई मौतों पर जवाब देने के लिए विवश किया जाएगा.
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