- मेयर-उपमेयर का सीधे चुनाव लोकतंत्र के दायरे को करेगा संकुचित
पटना 7 जनवरी, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा व विधानसभा चुनावों में खर्च की सीमा बढ़ाने के निर्णय को अनुचित बताया है और कहा कि इससे चुनाव में धनबल का असर और बढ़ेगा. हाल के दिन में चुनावों में ऐसे भी धनबल का खेल बढ़ा है. धन के बल पर आज करोड़पतियांे ने लोकसभा से लेकर विधानसभा में अपनी भागीदारी बढ़ा ली है. चुनाव आयोग के इस निर्णय से उसे और गति मिलेगी. भाकपा-माले चुनाव आयोग से इस निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए इसे वापस लेने की मांग करती है. उन्होनंे कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. खर्च की सीमा बढ़ाने से आम नागरिकों के लिए चुनाव लड़ पाना व्यवहारतः असंभव हो जाएगा. बिहार सरकार द्वारा मेयर व उपमेयर का चुनाव सीधे कराने का निर्णय भी गलत है, इससे नगर निकायों में लोकतंत्र का दायरा संकुचित होगा. इनके खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकता है. निकाय चुनाव को निर्दलीय बनाकर पहले ही इसे घोर अवसरवाद में धकेल दिया गया है. यह देश में राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने की साजिश है, जिसका हम विरोध करते हैं.
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