"हवा के नमूनों के परिणाम चिंताजनक हैं, इसमें पाए गये हानिकारक पदार्थों का स्तर बहुत ज्यादा हैं जो की स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि PM का स्तर अगर 2.5 या उससे ज्यादा है तो उसका सीधा असर फेफड़े (Lungs) और हृदय (Heart) पर पड़ता है। इसके अलावा,मैंगनीज, सीसा और निकल वातावरण में मानको से अधिक पाए जाने पर हानिकारक असर डालते हैं और मानव स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों का पूर्व में अन्य शोधो में उल्लेख है। मैंगनीज और सीसा न्यूरोटॉक्सिन हैं जबकि निकल एक कार्सिनोजेन है। मानव घरों और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की छतों से जहरीले पदार्थों के ऐसे उच्च स्तर की खोज चिंता का एक वास्तविक कारण है" - राज्य नोडल अधिकारी-स्वास्थ्य (जलवायु परिवर्तन एवं जन स्वास्थ्य). "लोगों ने इस अध्ययन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है जो इस मुद्दे के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है । हवा में ऐसे विषाक्त पदार्थों की उपस्थिति को कम करने के लिए न केवल तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है परन्तु यह आकलन करने की भी आवशयकता है की पहले से ही कितना नुकसान हो चुका है, इसके साथ एक व्यापक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाये जिससे शुरू से अब तक के दीर्घकालिक नुकसान का पता लगाया जा सके, डॉ समीर गर्ग, अधिशासी निदेशक, एसएचआरसी. ‘’रायपुर और कोरबा से वायु के नमूनों के परिणाम बताते हैं कि इस क्षेत्र में पिछले दो वर्षों की अवधि में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। ये नमूने नवंबर 2020 और मई 2021 के बीच, COVID-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान लिए गए थे और जब देश में कुल या आंशिक लॉकडाउन था और कई शहर नीले आसमान और बर्फ से ढके पहाड़ों को देख रहे थे, कोरबा और रायपुर के निवासी कोयला संयंत्र केंद्रों के आसपास ख़राब हवा के बीच जीवित रहने एवं अपनी दिनचर्या जारी रखने के लिए मजबूर थेI इन शहरों में रहने वाले निवासियों की गवाही से इसकी पुष्टि होती है। अन्य स्थानों के विपरीत कोरबा और रायपुर में वायु प्रदूषण साल भर की समस्या है,” पुनीता कुमार, अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ताI
जाँच – परिणाम
- नवंबर 2020 से मई 2021 तक रायपुर से हवा के 12 सैंपल लिए गएI
- मार्च 2021 से जून 2021 के बीच कोरबा से 14 हवा के नमूने लिए गए।
अध्ययन की प्रमुख सिफारिशें:
स्वास्थ्य:
1. कोरबा और रायपुर क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, "Pollution Clearance" के सिद्धांतो के तहत, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निवासियों के लिए विशेष ध्यान दिया जाए और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाये।
2. जिला अस्पतालों में तकनीकी विशेषज्ञ, रेस्पिरेटरी फिजिशियन विशेषज्ञ और दवाइयों के लिए पर्याप्त प्रावधान होना चाहिए। consumable items, प्रशिक्षित कर्मचारी और बुनियादी ढांचे तथा स्पाइरोमीटर जैसी सुविधाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रो मे होनी चाहिए।
3. राज्य एपिडेमीओलॉजिकल सेल में "आपदा महामारी विज्ञान" की योजनाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो Policy makers के लिए महामारी / आपदा के समय स्वास्थ्य सम्बन्धी सटीक जानकारी प्रदान करता है, भविष्य की तैयारी के लिए भी जानकारी एकत्रित करके आपदाओं के रोकथाम के लिए रणनीतियों में सुधार किया जा सकता है।
4. राज्य के एजेंसियो को कोरबा और रायपुर के निवासियों के बीच वायु गुणवत्ता और इससे जुड़े स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से सम्बंधित शोध कार्य शुरू करके दीर्घकालिक स्वास्थ्य निगरानी प्रदान कि जानी चाहिए।
5. स्वास्थ्य विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अकादमिक और अनुसंधान संस्थानों और नगर पालिका जैसे बहु हितधारकों के साथ वायु गुणवत्ता परीक्षण के लिए समिति की स्थापना की जानी चाहिए।
पर्यावरण
1. राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को हवा में पाए गए भारी धातुओं की निरंतर निगरानी शुरू करनी चाहिए और समय-समय पर इसके परिणाम प्रकाशित करना चाहिए। स्वास्थ्य एजेंसियों के माध्यम से सलाह प्राप्त करके स्वास्थ्य परामर्श भी नियमित रूप से प्रकाशित किया जाना चाहिए।
2. राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (National Ambience Air Quality Standard) के मनको को नहीं मानने वाले इकाइयों और गतिविधियों पर प्रदूषण टैक्स लगाया जाना चाहिए।
3. राज्य एजेंसियों को प्रदूषकों का पता लगाने के लिए प्रदूषण डेटा का उपयोग करना चाहिए और आवासीय क्षेत्रों में धूल और भारी धातुओं के वायु में स्तर को सीमा से नीचे लाने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
4. कोरबा और रायपुर में कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों, कोयला खदानों और कोयला परिवहन से होने वाले उत्सर्जन की सख्त निगरानी की जानी चाहिए।
5. रायपुर शहर के आवासीय क्षेत्रों से लोहा और इस्पात निर्माण इकाइयों को स्थानांतरित करने के लिए तत्काल योजना तैयार की जानी चाहिए, यदि यह संभव नहीं है, तो इन इकाइयों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों को लागू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
6. औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार पर निर्णय की तुरंत समीक्षा की जानी चाहिए और मौजूदा COVID 19 स्थिति में पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें