नयी दिल्ली, चार जनवरी, उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) दाखिले के संबंध में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण के मामले संबंधी याचिका की बुधवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है। केंद्र ने न्यायालय से इस मामले की तत्काल सुनवाई किए जाने का आग्रह किया था। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्य कांत एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र की ओर से न्यायालय में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उन अभिवेदनों पर गौर किया कि यह मामला स्नातकोत्तर चिकित्सकीय पाठ्यक्रमों में दाखिले से जुड़ा है और छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यदि यह तीन न्यायाधीशों की पीठ का मामला है, तो इसे कल तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को केंद्र से कहा था कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण मामले पर तीन न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है, इसलिए प्रधान न्यायाधीश न्यायाधीशों की अपेक्षित संख्या वाली पीठ का गठन कर सकते हैं। नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विभिन्न अस्पतालों के रेंजीडेंट डॉक्टर ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (फोर्डा) के बैनर तले बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ईडब्ल्यूसी आरक्षण तय करने के मापदंड पर पुनर्विचार के केंद्र के फैसले के कारण नीट-पीजी की काउंसलिंग स्थगित कर दी गई थी।
मंगलवार, 4 जनवरी 2022
नीट-पीजी दाखिला पर न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई करने पर सहमति
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