जिनेवा, 12 जनवरी, संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष अधिकारी ने कहा है कि "सुली डील" जैसे सोशल मीडिया ऐप के जरिए भारत में मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की निंदा की जानी चाहिए और ऐसी घटनाएं होते ही जल्द से जल्द मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अल्पसंख्यक मामलों पर विश्व निकाय के विशेष अधिकारी डॉ फर्नांड डे वारेनेज अपने एक ट्वीट में ने भारत में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चिंता जताई और कहा, “भारत में सोशल मीडिया ऐप पर मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी बिक्री की जा रही है।” वर्नेस ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम महिलाओं को जातीय घृणा से प्रेरित सामग्री के रूप में सुली डील्स जैसे सोशल मीडिया ऐप पर उत्पीड़ित एवं बिक्री की जा रही है। अल्पसंख्यकों के सभी मानवाधिकार पूरी तरह से एवं बराबरी के आधार पर संरक्षित होने चाहिए।” दिल्ली पुलिस ने पिछले हफ्ते 26 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया जिसे “सुली डील्स” का निर्माता माना जा रहा है। यह इस मामले में पहली गिरफ्तारी है। सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को उनकी अनुमति के बिना, छेड़छाड़ की गई उनकी तस्वीरों के साथ मोबाइल ऐप्लिकेशन पर “नीलामी” के लिए सूचीबद्ध किया गया था। बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन डिग्री धारक ठाकुर ने स्वीकार किया कि वह ट्विटर पर एक समूह का सदस्य था और मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल करने का विचार वहां साझा किया गया था। एक अलग “बुली बाई” मामले में, दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी को एक पत्रकार की तरफ से की गई ऑनलाइन शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी। ‘बुली बाई’ ऐप से जुड़ा हुआ था जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर “नीलामी” के लिए डालकर उन्हें निशाना बनाया गया था।
गुरुवार, 13 जनवरी 2022
‘सुली डील्स’ भारत में घृणा से प्रेरित भाषण जैसा, निंदा की जानी चाहिए
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