कोरोना सक्रमण के चलते भले ही मेला प्रांगण की चार दीवारों में गिने चुने दर्शकों के बीच रामलीला हो रही हो लेकिन ऑनलाइन विदिशा की श्री रामलीला का लाइव प्रसारण किया जा रहा है प्रसारण रामलीला समिति की वेबसाइट ( www.ramleelavidishamp.org ) पर दुनिया के कई देशों में देखा जा रहा है , वेबसाइट को 2014 में नि:शुल्क बनाने बाले ई- सुविधा कंपनी के संचालक इंजीनियर बलराम साहू ने बनाया है जिसका उद्धघाटन 2014 में उस समय के तत्कालीन कलेक्टर एवं श्री रामलीला मेला समिति के अध्यक्ष ऐम. बी ओझा ने किया था , वेबसाइट के माध्यम से भारत सहित अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बारबाडोस, बांग्लादेश, बुल्गारिया, बहरीन, बोलीविया, ब्राज़िल, स्विट्ज़रलैंड, चिली,चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, साइप्रस, चेकिया, डेनमार्क, डोमिनिकन गणराज्य, एलजीरिया, इक्वेडोर,एस्तोनिया, मिस्र, स्पेन, इथियोपिया, फिनलैंड,फ्रेंच गयाना, घाना, जिब्राल्टर यूनान, ग्वाटेमाला, क्रोएशिया हंगरी आदि देशों में देखि गई है
- 14 जनवरी 2014 से 29 जनवरी 2022 तक का गूगल एनालिटिक्स की रिपोर्ट देखें तो अब तक 111 देशों में देखि गई विदिशा की अनोखी रामलीला
इस साल पकिस्तान सहित 21 देशों में देखि गई हमारी रामलीला
गूगल एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार ये पिछले एक वर्ष में देखि गई देशों की संख्या है , यंहा तक की पकिस्तान के लाहौर में भी रामलीला देखि जा रही है वेबसाइट के माध्यम से भारत सहित क़तर , नेपाल , इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, हॉगकॉग, जर्मनी, आयरलैंड, फ्रांस, कनाडा, स्वीडन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, यूक्रेन, आज़रबाइजान, बेल्जियम, दक्षिण कोरिया, नेपाल, पोलैंड, आदि सहित 21 देशों में रामलीला देखि जा रही है शहर की यह ऐतिहासिक रामलीला संभवत: देश की एकलौती रामलीला है जंहा करीब एक माह तक चलने बाली लीलाओं की प्रस्तुति मंच की बजाह विशाल मैदान में चलित रूप से दी जाती है
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