- · 1,45,000 से अधिक पाठक राजकमल ऑनलाइन पुस्तक मेले में पहुँचे
- · मेला पहुँचने वाले पाठकों में सर्वाधिक लखनऊ, दिल्ली, पटना और जयपुर से थे
- · 16000 से अधिक पाठक ऐसे थे जो पहली बार राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर से जुड़े
- · इस बुक फेयर में पाठकों में 50% से अधिक युवाओं की भागीदारी रही
नई दिल्ली : राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित 16 दिवसीय ऑनलाइन पुस्तक मेले में देश-विदेश के करीब डेढ़ लाख पाठक पहुँचे। इस ऑनलाइन पुस्तक मेले का आयोजन ऐसे समय किया गया जब कोरोना के प्रसार की आशंकाओं के बीच जनवरी में होने वाला दिल्ली विश्व पुस्तक मेला स्थगित कर दिया गया था। इससे तमाम पुस्तक प्रेमियों के बीच निराशा का माहौल था जिसको राजकमल प्रकाशन समूह ने अपनी इस पहल से दूर करने का प्रयास किया। यह प्रयास अत्यंत सफल रहा, पुस्तक प्रेमियों ने बढ़ चढ़कर इस मेले में शिरकत की।
16 जनवरी से 31 जनवरी तक मेला
इस ऑनलाइन पुस्तक मेले में 40 से अधिक देशों के 1,45,000 से अधिक पाठकों ने हिस्सा लिया। उनमें करीब 16,000 पाठक ऐसे थे जो पहली बार इस मेले के जरिये राजकमल से जुड़े। सर्वाधिक पाठक लखनऊ, दिल्ली, पटना, जयपुर जैसे शहरों से इस मेले से जुड़े। पहली बार 40 देशों से अधिक हिंदी के पाठक इस मेले से जुड़े, प्रमुख देशों में अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, नीदरलैंड्स, टर्की, रूस, जापान, भूटान, इटली, मलेशिया, ब्राजील और सूरीनाम के पाठको ने खूब दिलचस्पी दिखाई। राजकमल ऑनलाइन पुस्तक मेले को पाठकों और पुस्तक प्रेमियों से मिले इस जबरदस्त समर्थन से उत्साहित राजकमल प्रकाशन समूह के सीईओ आमोद महेश्वरी ने कहा कि पाठकों का यह उत्साह और सहयोग अभिभूत करने वाला है। उन्होंने कहा, “राजकमल ऑनलाइन पुस्तक मेले का तमाम लोगों ने बड़े उत्साह से स्वागत किया । बड़ी तादाद में नए पाठक इस दौरान हमसे जुड़े. पुस्तकों के प्रति उनके प्रेम ने हमें को आगे भी ऐसे आयोजन करने के लिए प्रेरित किया है. हम सभी पुस्तक प्रेमियों और पाठकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम भविष्य में भी ऐसे ऑनलाइन पुस्तक मेला का आयोजन करते रहेंगे। ताकि उन्हें घर बैठे भी मनपसंद पुस्तकें प्राप्त करने की सुविधा रहे।" इस मेले के दौरान अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’, कृष्ण कल्पित का कविता संग्रह ‘रेख्ते के बीज़’, कुमार अम्बुज का कविता संग्रह ‘उपशीर्षक’, नीलेश रघुवंशी का उपन्यास ‘शहर से दस किलोमीटर दूर’आदि नई किताबों का लोकार्पण किया गया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘शब्दों का गणतंत्र’ कैटेगरी के तहत देश की आज़ादी और लोकतंत्र से सम्बंधित कई महत्त्वपूर्ण किताबें पाठकों को विशेष रूप से मुहैया कराई गयीं. महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके जीवन और विचारों पर केंद्रित अनेक पुस्तकें भी पाठकों के लिए उपलब्ध कराई गयीं. मेले के दौरान ‘संपादक की पसंद’ कैटेगरी के भीतर आने वाली पुस्तकों की ओर पाठक ख़ास आकर्षित हुए और विभिन्न लेखकों की रचनावलियों की भी खासी मांग रही। गौरतलब है, राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा इस ऑनलाइन बुक फेयर के आयोजन का निर्णय विश्व पुस्तक मेला के रद्द होने की वजह से लिया गया था, ताकि सभी पुस्तक प्रेमी ऑनलाइन बुक फेयर का लुत्फ़ उठा सकें और घर बैठे अपनी पसंदीदा पुस्तकें हासिल कर सकें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें