फरवरी. बिहार में आशा कार्यकर्ता आंदोलन करने के मूड में हैं. बुधवार को बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ(गोप गुट -ऐक्टू) की बैठक की गयी. यह बैठक नवादा जिले के सिरदला में सम्पन्न हुई. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के आह्वान पर 17 फरवरी से अनिश्चितलीन हड़ताल है. इस दौरान 23-24 फरवरी को पीएचसी का कार्य बंद कर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. सभी आशा कार्यकर्ता और फेसिलेटर मिलकर हड़ताल को सफल बनायेंगे. ऐक्टू जिलाध्यक्ष साावित्री गुप्ता ने तमाम आशा कार्यकर्ता बहनों से अपली की कि इस हड़ताल को सफल बनाये. आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने,स्थापना मद का 2019 के वितीय वर्ष से मासिक 1000रु0 परितोषिक बकाया राशि का भुगतान तत्काल करने, कोरोना कार्यो के लिए सभी आशा -फेसिलेटरांे को 10000रु0 कोरोना भत्ता का भुगतान करने,आशा कार्यकर्ताओं के देय पोषक राशि का अद्यतन भुगतान करने,पोषक में साड़ी के साथ बलाउज, पेटीकोट,उँनीकोट देने,फेसिलेटरों को 20 दिन की जगह पूरे माह का भ्रमण भत्ता का भुगतान करने,कोरोना से मृत आशाओ व फेसिलेटरो को राज्य योजना का चार लाख और केंद्रीय योजना का पचास लाख रुपये के बीमा राशि का शीघ्र भुगतान करने इत्यादि मांग को बिहार राज्य आशा संयुक्त संघर्ष मंच द्वारा 17फरवरी 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं व फेसिलेटर को एकताबद्ध करके हड़ताल को सफल बनाने में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोपगुट एक्टू पूरी ताकत से लगा हुआ है. बैठक गोपालगंज, बेतिया,नवादा,समस्तीपुर, कटिहार आदि जिलों में तेजी से चल रहा हैं. वहीं रोहतास जिला के रोहतास पीएचसी की आशा नेता शीला यादव के नेतृत्व में उनके घर गए डुमरांव के विधायक अजीत कुशवाहा को आशा कार्यकर्ता की समस्याओं व 17 फरवरी से हो रहे अनिश्चित कालीन हड़ताल से संबंधित मांग पत्र देते हुए.
इस बीच बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ एव आशा संयुक्त संघर्ष मंच के आह्वान पर आगामी 17 फरवरी से राज्य में आशाकर्मियो के अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी की आध्यक्षता में बाडा रमना में मिटिंग सम्पन्न हुई. प्रतिमा कुमारी ने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल आशाओं की जान जोखिम में डाल जमकर काम लेना, मेहनताना-बकाया व समझौता को लागू करने में टालमटोल व आनाकानी करना तथा आशाओं की डबल इंजन सरकार द्वारा डबल उपेक्षा जारी रखे जाने के दस्तूर के खिलाफ होगा. आशा नेत्री प्रतिमा कुमारी ने बताया कि आशाओं की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल मासिक पारितोषिक शब्द को मासिक मानदेय घोषित करने,1000 राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपया प्रतिमाह करने , 2019 के वित्तिय वर्ष से मासिक 1000 रु पारितोषिक का बकाया का भुगतान जल्द से जल्द करने, कोरोना कार्यों के लिए सभी आशा व फैसिलिटेटर को 10 हजार रुपया कोरोना भत्ता भुगतान करने सहित 6 सूत्री मांगों पर होगा, साथ ही 2019 में संपन्न समझौता की मांगों में से 10 मांगे जिसे अबतक लागू नही किया गया। उसे लागू करने की मांग भी प्रमुखता से उठाया जाएगा. नेताओं ने डबल इंजन की तथाकथित डबल विकास की नीतीश- भाजपा सरकार को डबल झांसे की सरकार बताते हुए आरोप लगाया कि यह सरकारी आशाओं को बेगार के रूप में खटाना चाहती है और इनके परिश्रम का श्रेय बिहार सरकार ले रही है. जुलाई से 400 रु प्रति माह कोरोना कार्य का मेहनताना दिया जा रहा हैं, जबकि बाकी समय के कोरोना कार्य का एक भी पैसा आशाओं को भुगतान नहीं किया गया है। बेगार के तौर पर कोरोना काम जान जोखिम में डाल कर आशा अब नहीं करेंगी. भाकपा माले नेता सुनील राव ने कहा कि नीतीश-भाजपा सरकार द्वारा आशा से काम जमकर लेना, मेहनताना देने में टालमटोल व आनाकानी करना और आशाओं की घोर उपेक्षा करना नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि बकाया व अन्य भुगतान तथा 2019 में संपन्न समझौता के तहत 10 मांगों को लागू करने के मामले में सरकार का रवैया टालू है, जो आशाओं के लिए अपमान का मुद्दा है. उक्त बैठक में शिव कुमारी, सुनीता, मंजु, मधु, प्रभा, मीना, बिनिता, मनोरमा, सीमा आदि आशा नेत्रियों ने भी मीटिंग को संबोधित किया. उक्त जानकारी सुनील यादव ने दिया.
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