राजकमल ऑनलाइन पुस्तक मेले में दिख रहा पाठकों का जबरदस्त उत्साह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

राजकमल ऑनलाइन पुस्तक मेले में दिख रहा पाठकों का जबरदस्त उत्साह

  • · कम से कम पैसों में अधिक से अधिक स्तरीय पुस्तकें मुहैया करा रहे हैं: आमोद महेश्वरी, सीईओ, राजकमल प्रकाशन समूह
  • · विश्व पुस्तक मेला स्थगित होने के बाद राजकमल प्रकाशन समूह ने किया ऑनलाइन पुस्तक मेले का आयोजन
  • · 31 जनवरी तक चलेगा राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर, 16 जनवरी से चल रहा है
  • · चर्चित लेखक अशोक कुमार पांडेय की नई किताब ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’ भी उपलब्ध

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नई दिल्ली : राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर में पुस्तक प्रेमी बढ़ चढ़कर शिरकत रहे हैं। राजकमल प्रकाशन समूह ने इस ऑनलाइन पुस्तक मेले का आयोजन ऐसे समय किया है जब कोरोना के प्रसार की आशंकाओं के बीच 8 जनवरी से होने वाला दिल्ली पुस्तक मेला स्थगित कर दिया गया। इससे तमाम पुस्तक प्रेमियों के बीच निराशा का माहौल था जिसको राजकमल प्रकाशन समूह ने अपनी इस पहल से दूर करने का प्रयास किया है। यह पहला मौक़ा है जब एक प्रकाशन समूह ने ऑनलाइन पुस्तक मेले का आयोजन किया है।  यह ऑनलाइन पुस्तक मेला पारम्परिक पुस्तक मेलों से इस मामले में अनूठा है कि अबतक किसी भी मेले में पुस्तक प्रेमियों को खुद जाना पड़ता था लेकिन राजकमल प्रकाशन समूह ने इस पहल से पुस्तक मेले को हरेक पाठक तक पहुँचा दिया है। राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर के प्रति पाठकों के अभूतपूर्व उत्साह पर समूह के सीईओ आमोद महेश्वरी ने कहा कि पाठकों का यह उत्साह अभिभूत करने वाला है। उन्होंने कहा, “राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर का तमाम लोगों ने बड़े उत्साह से स्वागत किया है। मौजूदा कोरोना काल में, दिल्ली विश्व पुस्तक मेला स्थगित होने से पुस्तक प्रेमियों के बीच निराशा फैली थी। ऐसे में उनके लिए एक वैकल्पिक मंच तैयार करना हमने जरूरी समझा। खुशी है कि हमारा यह प्रयास सभी को अच्छा लग रहा है और वे राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर में जाकर अपनी पसंद की किताबें ले रहे हैं। हम हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि इस बुक फेयर में आने वाला कोई भी व्यक्ति कम से कम पैसों में अधिक से अधिक किताबें प्राप्त कर सके। यह हमारा इस तरह का पहला कदम है, आपको कुछ कठिनाई हुई होगी, इसके लिए आप सबसे हम माफी चाहते हैं। आप सबको हम आश्वस्त करना चाहते हैं कि भविष्य में ऐसे ऑनलाइन पुस्तक मेला का हम आयोजन करेंगे जिसमें आपको लगेगा कि हम मेले में घूम रहे हैं।" उन्होंने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं और गणतंत्र दिवस करीब है। इस विशेष अवसर पर ऑनलाइन बुक फेयर में हम देश की आज़ादी और गणतंत्र से सम्बंधित पुस्तकें विशेष तौर पर उपलब्ध करा रहे हैं। आमोद महेश्वरी ने कहा, इस ऑन लाइन पुस्तक मेले में सभी वर्ग के पाठकों का जुड़ना राजकमल प्रकाशन समूह के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है। गौरतलब है, राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा इस ऑनलाइन बुक फेयर के आयोजन का निर्णय विश्व पुस्तक मेला के रद्द होने की वजह से लिया गया था,  ताकि सभी पुस्तक प्रेमी ऑनलाइन बुक फेयर का लुत्फ़ उठा सकें और घर बैठे अपनी पसंदीदा पुस्तकें हासिल कर सकें। ऑनलाइन बुक फेयर राजकमल प्रकाशन समूह की वेबसाइट पर 31 जनवरी 2022, सोमवार तक चलेगा। इस का मकसद सभी पुस्तक प्रेमियों को उनकी पसंदीदा पुस्तकें सुलभ कराना है।


नई आमद :  सावरकर पर अशोक कुमार पांडेय की किताब

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राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर में चर्चित लेखक अशोक कुमार पांडेय की नई किताब ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’ भी उपलब्ध है। इतिहास को लेकर अफवाहों और बहसों के इस दौर में यह किताब पाठकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रही है।  वरिष्ठ लेखक काशीनाथ सिंह के साक्षात्कार की किताब 'बातें हैं बातों का क्या',  वरिष्ठ कथाकार मृणाल पांडे का कहानी संग्रह 'माया ने घुमायो',  वरिष्ठ कथाकार मैत्रेयी पुष्पा का उपन्यास ‘नमस्ते समथर’, युवा कथाकार प्रवीण कुमार का उपन्यास 'अमर देसवा',और चर्चित पत्रकार भाषा सिंह की किताब ‘शाहीनबाग़’ के साथ साथ बहुत सी नई किताबें राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर में उपलब्ध हैं।  मेले में 'संपादक की पसंद' कैटेगरी में भी पुस्तकें प्रदर्शित की गयी हैं जिनके तहत श्रीलाल शुक्ल का उपन्यास ‘राग दरबारी’, महादेवी वर्मा की किताब ‘मेरा परिवार’, ममता कालिया की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद, सुजाता की किताब ‘आलोचना का स्त्रीपक्ष', मन्नू भंडारी की किताब ‘महाभोज’ आदि पुस्तक प्रेमियों के आकर्षण के केंद्र में हैं।


राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर में 

विभिन्न लेखकों की रचनावलियाँ और  राजकमल गौरवग्रंथ ( विश्व क्लासिक) शृंखला की किताबें भी पाठकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इस मेले में लोग राजकमल की प्रतिनिधि कहानियाँ, प्रतिनिधि कविताएं और प्रतिनिधि व्यंग्य जैसी पुस्तक शृंखला को भी काफी पसंद कर रहे हैं जिनमें नागार्जुन, मंगलेश डबराल ,अरुण कमल , हरिशंकर परसाई, राजेन्द्र यादव, मृदुला गर्ग, आदि समेत दर्जनों महत्वपूर्ण रचनाकारों की किताबें शामिल हैं।

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