डाक टिकट के द्वारा स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

डाक टिकट के द्वारा स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि

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जयपुर! स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश शोक में है उनका चले जाना संगीत की दुनिया में एक बहुत बड़ी क्षति है उनके योगदान को देश कभी नहीं भुल सकता उन्होंने 7 दशक तक अपना संगीत दिया और कई अभिनेत्रियों को अपनी आवाज दी,  उनकी आवाज ने ढेरो नायिकाएं ,कई गीतकार, अनेकों संगीतकारों के कैरियर को एक नया आयाम दिया ! लता मंगेशकर की आवाज के सिर्फ भारत में ही नही विश्वभर में करोड़ों दीवाने है मधुर आवाज की धनी लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को हिंदुस्तान की इस संगीतमय भूमि में हुआ था। उनका करियर 1942 में शुरू हुआ और सात दशकों तक चला।  उसने एक हजार से अधिक हिंदी फिल्मों में गाने रिकॉर्ड किए हैं और कई क्षेत्रीय भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने गाए हैं, हालांकि सबसे ऊपर मराठी और हिंदी में।  भारत के महान पार्श्व गायकों में से एक, लता मंगेशकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।  उन्हें भारत सरकार द्वारा 1989 में सिनेमा में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।  1974 में, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने लता मंगेशकर को इतिहास में सबसे अधिक दर्ज की गई कलाकार के रूप में सूचीबद्ध किया।   देश के जानेमाने डाक टिकट संग्रहकर्ता धौलपुर के अजय गर्ग  ने बताया कि भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के संगीत के क्षेत्र में दिए अद्भुत अवदान को देखते हुए सेंट टोम ई प्रिंसिपे नामक छोटे से देश ने 2009 में उनके उनके 80 वें जन्मदिन पर एक खास स्मारक डाक टिकट जारी किया था । अजय चाहते है कि भारत मे भी लता मंगेशकर एक डाक टिकट जारी होनी चाहिए ! देश के इतने बड़े जनमानस की भावनाओं को देखते हुए लता जी के सम्मान में डाक टिकट जारी होना और आम आदमी द्वारा उसे उपयोग मे  लेना ही लता जी को 150 करोड़ भारतवासीयो की और से सच्ची श्रद्धांजलि होगी ,धौलपुर के अजय गर्ग  ने लता मंगेश्कर जी के  ऊपर डाक टिकट जारी करने के लिए स्वयं एक डिजाइन भी तैयार किया है जिसे उन्होंने आज ही ईमेल के माध्यम से भारतीय डाक विभाग को भेजा है साथ ही अजय ने यह निवेदन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा है

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