जी हां यकीनन एक ऐसा छवि जिनके व्यक्तित्व को शब्दों में गढ़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जी हां वो कोई और नहीं "विराट प्रतिभा के धनी, इतिहास के विभागाध्यक्ष, प्रखर वक्ता, मनोहर लाल टेकरीवाल महाविद्यालय, सहरसा के डॉक्टर अमोल झा हैं। युवा काल से ही इतिहास में इनकी दिलचस्पी रही है, डॉ झा लगातार 42 वर्षों से शोध और अध्ययन कार्य में सक्रिय रहकर 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त हुए। डॉ झा की सेवानिवृत्ति पर शिक्षक संघ द्वारा विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ देवानंद झा ने कहा अमोल बाबू हमेशा मेधावी छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत रहे है। उन्होंने 42 वर्षों तक ईमानदारी एवं कर्तव्य पराधीनता के साथ कुशल अध्यापन का कार्य किया जिसे महाविद्यालय के परिवार के सदस्य कभी भुला नहीं सकते है। डॉ झा मृदुभाषी एवं सौम्य व्यक्तित्व के कारण छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय रहे। इनकी सेवानिवृत्ति से इस महाविद्यालय में जो रिक्तता आई है उसकी निकट भविष्य में भरपाई नहीं की जा सकती। कार्यक्रम का संचालन डॉ विवेक कुमार ने किया। भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष सह शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ विपिन कुमार सिंह ने कहा कि डॉ अमोल झा एक बहुमुखी प्रतिभा के कुशल एवं कर्मठ शिक्षक के रूप में जाने जाते है। अच्छे इतिहासकार के रूप में डॉ झा जिला में जाने जाते हैं। कार्यक्रम को शिक्षक संघ के सचिव डॉ अशोक कुमार झा, डॉ सुनील चंद्र मिश्रा, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अरविंद कुमार यादव, डॉ संजीव कुमार झा, डॉ मयंक भार्गव, डॉ अभिषेक नाथ, डॉ अखिलेश कुमार सिंह, डॉ रूपेश झा, चंद्रशेखर अधिकारी, कृष्ण देव राम ने संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ सुमन कुमार, डॉ प्रशांत कुमार मनोज, प्रो. शंभू प्रसाद सिंह, डॉ शिखा चौधरी, प्रो. वीणा कुमारी, प्रो. प्रेमशंकर सिंह, प्रो. सुधांशु शेखर, आशुतोष कुमार सिंह, अवधेश कुमार झा, प्रवीण श्रीवास्तव, सत्येंद्र सिंह, अशोक राम सहित कई गणमान्य शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे ।छात्र एवं छात्राएं में बेचन कुमार, बॉबी कुमारी, लवली रानी, पुनीता कुमारी, रीमा कुमारी आदि मौजूद थी।
गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022
सहरसा : डॉक्टर अमोल झा के सेवानिवृत्त होने पर दी गई भावभीनी विदाई ।
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