बिहार : काॅ. पवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे : दीपंकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

बिहार : काॅ. पवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे : दीपंकर

  • पार्टी कतारों व परिजनों ने वरिष्ठ माले नेता काॅ. पवन शर्मा को अश्रुपूर्ण विदाई दी

bihar-always-remember-comred-pawan-dipankar
पटना, 31जनवरी. भाकपा-माले के पूर्व राज्य सचिव तथा पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य काॅ. पवन शर्मा की आज अंतिम यात्रा दोपहर स्थानीय बांस घाट पर पूरी हुई. उनकी अंतिम यात्रा में माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य व मगध जोन के प्रभारी अमर, पोलित ब्यूरो सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह, पूर्व राज्य सचिव नंदकिशोर प्रसाद, केंद्रीय कमिटी के सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा राज्य सचिव व केंद्रीय कमिटी सदस्य शशि यादव, समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, वरिष्ठ माले नेता केडी यादव व राजाराम, भाकपा-माले विधायक अरूण सिंह, महानंद सिंह, संदीप सौरभ, रामबलि सिंह यादव, सुदामा प्रसाद, गोपाल रविदास; भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता वे ऐक्टू केबिहार महासचिव आरएन ठाकुर, लोकयुद्ध के सह संपादक प्रदीप झा व प्रबंध संपादक संतलाल समेत पार्टी की राज्य कमिटी के कई सदस्य व जिला सचिव भी मौजूद थे. विदित हो कि काॅमरेड पवन शर्मा, जिनका देहांत कल 30 जनवरी को शाम चार बजे हृदयाघात (हार्ट अटैक) से हो गया था, का पार्थिव शरीर कल ही माले विधायक दल आवास छज्जूबाग में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. आज दोपहर 12 बजे वहां आयोजित संक्षिप्त श्रद्धांजलि सभा में भाकपा-माले नेताओं के अलावा शहर के चर्चित चिकित्सक डाॅ. पीएनपी पाल, टिस्स पटना के डाॅ. पुष्पेन्द्र, भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय व गजनफर नबाव, सीपीएम की केंद्रीय कमिटी के सदस्य अरूण मिश्रा व गणेश शंकर सिंह, फारवर्ड ब्लाॅक के अमेरिका महतो भी शरीक हुए. वहां मौजूद तमाम लोगों के जरिए उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया गया. श्रद्धांजलि सभा को माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, काॅ. पवन शर्मा की पुत्री मंजू शर्मा, उनके भाई शत्रुघ्न शर्मा, पार्टी के शुरूआती दिनों से ही उनके सहयोगी रहे पालित घोष और उनकी नतिनियों मैत्री व उर्वशी ने भी संबोधित किया.


श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि काॅ. पवन शर्मा के अचानक निधन से पूरी पार्टी को एक जबरदस्त आघात लगा है. वे किसी गंभीर बीमारी के शिकार भी नहीं थे. विगत समय हमारे लिए काफी दुखद रहा है. जिसमें हमने काॅ. अरविंद कुमार सिंह, का. रामजतन शर्मा, काॅ. बीबी पांडेय, काॅ. क्षितीज विश्वाल और अब काॅ. पवन शर्मा जैसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को खोया है. काॅ. पवन शर्मा पार्टी के शुरूआती दिनों के उन साथियों में थे, जिन्होंने पार्टी को खड़ा किया आर उसे आगे बढ़ाया. बिहार जैसे प्रदेश में माले जैसी पार्टी को खड़ा करना सचमुच एक कठिन काम था. काॅ. पवन शर्मा ने उस कठिन दौर में पार्टी को खड़ा किया और पूरी जिंदगी पार्टी व जनता की सेवा करने के फैसले पर अडिग रहे. उन्होंने पार्टी की राज्य कमिटी, केंद्रीय कमिटी और पोलित ब्यूरो के सदस्य की जिम्मेवारी निभाई. कई वर्षों तक पार्टी के बिहार राज्य सचिव रहे और लगभग पूरे बिहार में पार्टी कार्यों को देखते रहे. देश की जो मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति है, उसमें फासीवाद एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है. वही दूसरी ओर किसानों व नौजवानों के बड़े-बड़े आंदोलन हुए हैं. इस दौर में काॅ. पवन शर्मा की वैसी ही जरूरत थी जैसी कि पार्टी निर्माण के शुरूआती दिनों में थी. वे अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके विचार व उनकी विरासत प्रेरणा के रूप में हमेशा हमारे बीच मौजूद रहेंगे. हम यह संकल्प लेते हैं कि हम और आने वाली पीढ़ियां उनके काम को आगे बढ़ाती रहेंगे. काॅ. पवन शर्मा की बड़ी पुत्री और पटना उच्च न्यायालय में वकील मंजू शर्मा ने कहा कि उनका जीवन कठिन संघर्ष और भारी उपलब्धियों से भरा रहा है. यह भी उल्लेखनीय है कि वे ऐसे पिता के घर में पैदा हुए जो अत्यंत ही धार्मिक था, लेकिन वे खुद एक सच्चे कम्युनिस्ट बने. वे लगातार अपने पार्टी जीवन के बारे में हम सबको बताया करते थे और हमें सच्चाई व इंसाफ के रास्ते आगे बढ़ने को प्रेरित करते थे. श्रद्धांजलि सभा का संचालन काॅ. राजाराम सिंह ने किया. काॅ. पवन शर्मा की अंतिम यात्रा में उनकी पत्नी चंदेश्वरी देवी, नतिनी समृद्धि, बेटी कविता शर्मा, भाई भरत शर्मा व उनकी पत्नी धर्मशीला देवी, भतीजा समरकांत, रोहित, रश्मिरथी व कुंदन तथा भतीजी रानी मीनाक्षी, रोहिणी व वैदिही समेत कई परिजन भी मौजूद रहे. छज्जूबाग से पैदल ही उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई और अपराह्न 2 बजे उनके पार्थिव शरीर को आग के सुपुर्द किया गया.

कोई टिप्पणी नहीं: