- सी पी खान्दुजा , मुख्य महा वनसंरक्षक , वन ,पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार एवं सत्यजीत कुमार , निदेशक ,संजय गाँधी जैविक उद्दान , पटना के द्वारा विलुप्तप्राय “पाटली” वृक्ष पर किया गया विशेष आवरण का विमोचन
पटना,26 फरवरी, चार दिवसीय राज्य स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनी बिहार डिज़ीपेक्स-2022 (BIHAR DIGIPEX-2022) तीसरे दिन आज पाटली वृक्ष पर एक विशेष आवरण का विमोचन किया गया l हमारे शहर पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र है जो पाटली नामक वृक्ष के कारण ही पड़ा क्योंकि प्राचीन समय में पाटली वृक्ष के जंगल को हटाकर इस शहर को बसाया गया थाl दुर्भाग्यवश पाटली नामक वृक्ष आज विलुप्तप्राय हैं l बावजूद इसके की विभिन्न जैविक कारणों से इसकी उपज काफी कम होती है, डाक विभाग ने इस विलुप्तप्राय वृक्ष के संवर्धन एवं संरक्षण का फैसला लिया है l इस अवसर पर सी. पी. खन्दुजा , मुख्य महा वनसंरक्षक,वन, पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार मुख्य अतिथि के रूप में एवं सत्यजीत कुमार निदेशक ,संजय गाँधी जैविक उद्दान , पटना, प्रो. शरदेन्दु ,विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान विभाग, साइंस कॉलेज ,पटना विश्वविद्यालय, पटना, तथा डॉ पूनम रंजन ,सहायक प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञानं , साइंस कॉलेज ,पटना विश्वविद्यालय, पटना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे l डाक महाध्यक्ष अदनान अहमद ने सभी अतिथियों को पौधे और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया l डॉ पूनम रंजन ने बताया की पाटली वृक्ष का मुख्य औषधिये वृक्ष के रूप में बताया l सत्यजीत कुमार ने आश्वासन दिया कि पटना जी पी ओ परिसर में विलुप्तप्राय पौधों को लगाने में मदद करेंगें l सी. पी. खान्दुजा, मुख्य महा वनसंरक्षक एवं अन्य अतिथियों ने डाक विभाग के इस तरह के कार्यक्रमों की सराहना की और कहा की डाक विभाग न केवल संदेशवाहक का कार्य कर रहा है बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहरों का बचाव भी कर रहा है l इस अवसर पर “ग्रे हॉर्नबिल पक्षी” पर एक ऑडियो पोस्टकार्ड का अनावरण भी किया गया जिसमे एक QR कोड दिया गया है जिसको स्कैन करने पर ग्रे हॉर्नबिल की आवाज सुनाई देती है l डाक विभाग द्वारा विलुप्त होती जा रही ग्रे हॉर्नबिल की आवाज लोगों तक पहुचानें की एक अनूठी पहल की गयी है l
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