मधुबनी, जिला कांग्रेस कमिटी मधुबनी अध्यक्ष प्रो शीतलाम्बर झा ने मोदी सरकार की केन्द्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है 2022 - 2023 का बजट गाँव, गरीब,माध्यमवर्गों, किसानों बेरोजगारों एवं महिलाओं के लिए कुछ भी नही है,मोदी सरकार की बजट से यह प्रतीत होता है की नोटबन्दी से शुरू हुई अर्थब्यवस्था की दुर्दशा और कोरोना से हुई विनाश लीला से अर्थब्यवस्था अभी तक उबर नही पाई है सिर्फ और सिर्फ बाजीगिरी कर पुराने नामों को बदलकर नई नामकरण किया गया है, इस बजट में बिहार और खासकर मिथिलांचल के लिए तो कुछ भी नही है,बिहार को फिर विशेष राज्य का दर्जा पर कुछ नही कहा गया अभी तक बिहार को सिर्फ जुमला ही मिला है पटना यूनिवर्सिटी और मिथिला यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नही मिला ,मिथिलांचल सहित बिहार में कोई उद्योग लगाने या बन्द परे उद्योग को खोलने का चर्चा तक नही हुआ,मोदी सरकार में चौरासी प्रतिशत लोगों को आय में कमी हुई है,इनकमटैक्स में कोई झूट नही दिया गया, एक तरफ रेलबे को निजीकरण की तैयारीहै दूसरी तरफ लोगों को ठगने के लिए बन्दे भारत नाम से ट्रेन चलाने की बात की जारही है,एयरइंडिया को बेच दिया गया अब एलआईसी एवं बैंकिंग सेक्टर को भी निजीकरण करन के तरफ अग्रसर है। प्रो झा ने कहा आमजनों के लिए सबसे जरूरी शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के लिए कुछ नही कहा गया, नए उद्योगों के लगाने के बदले बेचा जा रहा यही है मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत जिसमे सभी सर्वजनिक प्रतिष्ठानों को निजीकरण करना ही है,सबसे हद तो यह है मोदी सरकार रक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग में भी निजीकरण करने की फैसला किया है। प्रो झा ने कटाक्ष करते हुए कहा मोदी सरकार 25 वर्षों का विजन बाली बजट की बात की है और उतने वर्षों में 60 लाख नौकरी का वादा की घोषणा की है,लेकिन प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोगों की नौकरी का वादा ,एवं केंद्र सरकार के अधीन खाली पड़े दस लाख से अधिक नौकरी पद ,कालाधन लाकर 15 लाख देने,देश मे बुलेट ट्रेन एवं स्मार्टसिटी के साथ साथ पांच लाख ट्रिलियन के अर्थव्यवस्था की चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझा है ,कुल मिलाके यह बजट से निराशाजनक एवं आमजनों को एक बार फिर जुमला ही मिला है।
मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022
मधुबनी : बिहार के लिए सिर्फ जुमला बजट : शीतलाम्बर
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