बनारस से दिल्ली तक फैला है नकली कोविड वैक्सीन का जाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

बनारस से दिल्ली तक फैला है नकली कोविड वैक्सीन का जाल

  • सरगना सहित 10 आरोपियों की तलाश में यूपी एसटीएफ, अब तक पांच दबोचे गए, प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का रैपर बदल बनाते थे रैपिड कोविड किट, फोन पर कम, व्हाट्सएप कॉल के जरिये काम करता था गिरोह

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वाराणसी (सुरेश गांधी) नकली कोविड किट और वैक्सीन बनाने वाले गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में यूपी एसटीएफ की वाराणसी फील्ड यूनिट अधिक जानकारियां जुटा रही है। बनारस से दिल्ली तक 10 से अधिक आरोपी इसमें शामिल हैं। जांच में सामने आया कि पांच आरोपियों ने ऐसा नेटवर्क फैलाया कि नई दिल्ली, बिहार, झारखंड, कोलकाता, असम, त्रिपुरा और पूर्वांचल सहित पश्चिमी के कई जिलों तक कोविड से संबंधित नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट पहुंच गई। इसमें सात आरोपियों की पहचान हो चुकी है। गिरफ्तारी को लेकर एसटीएफ की टीमें दबिश दे रही हैं। उधर, इस मामले में खुफिया एजेंसियां भी अब लग गई हैं।  मुख्यालय स्तर से बार-बार इस केस के बारे में जानकारियां ली जा रही हैं। बीएचयू के आसपास लंका स्थित मेडिकल स्टोर और सप्तसागर दवा मंडी मैदागिन में भी दवा व्यापारियों से एसटीएफ ने पूछताछ शुरू की है। क्योंकि इन मार्केट में ही दवाओं की बड़ी खेप खपाई जा चुकी है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि गिरोह फोन कॉल पर बहुत कम बात कर था। व्हाट्सएप कॉल के जरिये खरीद व बिक्री करने वालों के संपर्क में रहता था। गिरफ्तार पांच आरोपियों के कब्जे से मिले मोबाइल और लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।


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एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में चौक थाना के पठानी टोला निवासी संदीप शर्मा उर्फ मक्कू बेहद शातिर है। असली को नकली और नकली को असली बनाना उसके बाएं हाथ का खेल है। एमसीए पास संदीप शर्मा उर्फ मक्कू ग्राफिक्स का भी काम जानता है। इसी कारण रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन एवं रैपिड कोविड टेस्ट किट का रैपर डिजाइन करता था। एसटीएफ की जांच में संदीप शर्मा की कूटरचित सिक्किम विश्वविद्यालय की मार्कशीट भी हाथ लगी है। देश के विभिन्न राज्यों में नकली दवा बेचने का काम दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा, विजय कुमार, यश कुमार आदि का है। उसके साथ दिल्ली के ही रहने वाले अरूण शर्मा, अरूण पाटनी, मानसी, रणवीर, गुरजीत और गुरबाज आदि मिलकर देश के विभिन्न राज्यों में बेचते हैं।   गिरफ्त में आए दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा से पूछताछ में एसटीएफ को कई सुराग हाथ लगे हैं। उसके आधार पर सात की पहचान हो चुकी है और अन्य तीन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि इस खेल में शामिल किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं, जिससे गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारियां होंगी। रोहित नगर कॉलोनी में प्लाट नंबर 19 में गृह स्वामी रिटायर्ड शिक्षिका जटाधारी सिंह के बारे में पुलिस ने जानकारी दी कि यह मकान बीएचयू से रिटायर्ड कर्मी  राजेंद्र सिंह का है, जो मिर्जापुर के जमालपुर हरिहरपुर के रहने वाले हैं। उनका पत्नी से अनबन हुआ और मामला न्यायालय तक चला। इस पर जटाधारी सिंह ने मकान को अपने नाम कराया और किराये पर देकर मायके चुरामनपुर में रह रही हैं। पड़ोसियों के अनुसार मकान में सिर्फ किरायेदार रहते हैं। वह कभी कभार ही आती थी। बगल में रहने वाले पूर्व एडीएम को जब इसकी जानकारी मिली तो वह सन्न रह गए। पड़ोसियों के अनुसार मंगलवार शाम सात बजे दो-तीन गाड़ियों से आए एसटीएफ के लोग किराये पर रहने वाले युवकों को अपने साथ ले गए। इसके बाद युवकों के साथ काम करने वाले और परिजन युवकों की गुमशुदगी दर्ज कराने लंका थाने पर बुधवार सुबह पहुंच गए। इस बीच सभी संकट मोचन पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक अनिल राजपूत के साथ मौके पर पहुंचे। एसटीएफ टीम ने उपनिरीक्षक को कार्रवाई की जानकारी दी।


गिरोह ऐसे चलाता था जानलेवा धंधा

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का रैपर बदलकर रैपिड कोविड किट बनाते थे। वहीं डिस्टिल वाटर और ग्लूकॉन-डी से कोविड की नकली दवाएं बनाते थे। एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के अनुसार इस धंधे में शामिल छह और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। एसटीएफ वाराणसी इकाई के अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के अनुसार फील्ड यूनिट निरीक्षक राघवेंद्र मिश्रा को सूचना मिली कि लंका थाना अंतर्गत नरिया के रोहित नगर कॉलोनी स्थित जटारानी सिंह के मकान में नकली दवा और वैक्सीन बनाई जा रही है। टीम ने छापा मारा तो तीन कमरे में फैली दवाइयों के रैपर, नकली रैपिड कोविड टेस्ट किट 10800, नकली कोविड वैक्सीन 1600, नकली रेमिडिसिविर इंजेक्शन 1550, सिलिंग मशीन चार, रैपर आदि पैकेजिंग मैटेरियल्स और केमिकल भरी 6000 शीशी और खाली शीशी दो कार्टून बरामद हुई। ड्रग विभाग के सहायक आयुक्त औषधि केजी गुप्ता ने नकली दवाओं की पुष्टि की।

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