- माले के पूर्व राज्य सचिव काॅ. पवन शर्मा की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा, वाम दलों के नेताओं ने भी पवन शर्मा को दी श्रद्धांजलि
पटना 6 फरवरी, भाकपा-माले के पूर्व राज्य सचिव व पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. पवन शर्मा की स्मृति में आज माले विधायक दल कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य सहित विभिन्न वाम दलों के नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं, उनके परिजन व कई बुद्धिजीवी शामिल हुए और उनके संघर्षों को याद किया. श्रद्धांजलि सभा को माले महासचिव के अलावा सीपीआई के राज्य सचिव काॅ. रामनरेश पांडेय, सीपीएम के सचिव मंडल के सदस्य ललन चैधरी , एसयूसीआईसी के सूर्यंकर जितेन्द्र, अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह, किसान आंदोलन के नेता श्यामनंदन शर्मा, काॅ. पवन शर्मा की बड़ी बेटी मंजू शर्मा ने संबोधित किया. कार्यक्रम में माले राज्य सचिव कुणाल, केडी यादव, राजाराम, संतोष सहर, मीना तिवारी, विधायक गोपाल रविदास, मनोज मंजिल, सत्यदेव राम, बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता सहित शिक्षा आंदोलन से जुड़े गालिब खान, नदी आंदोलन के कार्यकर्ता रंजीव आदि शामिल हुए. श्रद्धांजलि सभा का संचालन माले के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा ने किया. हिरावल के संतोष झा व राजन ने गीत के जरिए काॅ. पवन शर्मा को श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि सभा में माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि काॅ. पवन शर्मा आगे की लड़ाई का रास्ता बनाकर गए हैं. उनकी परंपरा व विरासत को हमें अगले दौर में ले जाना है. काॅ. पवन शर्मा ने उस दौर में काम करना शुरू किया था, जब बिहार के गरीब सामंती जुल्म के शिकार थे. चूंकि बिहार में ही सबसे ज्यादा अत्याचार व दमन था, इसलिए मुक्ति की छटपटाहट भी सबसे ज्यादा यहीं थी. गरीबों की लड़ाई संगठित करने के लिए एक मजबूत कम्युनिस्ट पार्टी के निर्माण के संकल्प के साथ काॅ. पवन शर्मा जैसे हजारो लोग आगे बढ़े और अपने सपने को साकार कर दिखाया. आज हमारे सामने दूसरे खतरे हैं. भाजपा अमृत काल के नाम पर जहर परोस रही है. आजादी, लोकतंत्र और जनता के अधिकारों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. ऐसे दौर में पवन जी का बताया रास्ता हमारी राह रौशन करेगा. छोटी-छोटी लड़ाइयों से लेकर बदलाव के बड़े सपने संभव हो सकते हैं, यही हमें पवन जी से सीखना है. बदलाव लाना बिल्कुल संभव है. देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए लाल झंडे को मजबूत करना होगा. हम संकल्प लेते हैं कि आज के दौर के उभरे नए खतरे के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे, लाल झंडे को मजबूत बनायेंगे और आरएसएस जैसी ताकतों को पीछे धकेलेंगे. पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि पवन जीं भाकपा-माले को खड़ा करने वाले पहली पीढ़ी के नेताओं में थे. सत्ता का दमन झेलते हुए उन्होंने गरीबों की पार्टी के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई. वे हमेशा हमारे प्रेरणास्रोत बने रहेंगे. सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि सामंती जुल्म के दमन के दौर मंें जो सशक्त आंदेालन हो रहा था, उसमें पवन जी ने एक नेतृत्वकारी भूमिका अदा की. श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आने वाले दिनों में वामपंथ को मजबूत करने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी. एक बड़े आंदोलन की जरूरत आज वक्त की मांग है. पवन जी के द्वारा किए गए कार्य पूरे वामपंथ को राह दिखला रही है. उनकी बेटी मंजू शर्मा ने सामाजिक बदलाव के लिए चले आंदोलन में अपने पिता की भूमिका की चर्चा की. कहा कि यह उन्हीं की शिक्षाओं का नतीजा था कि हमारे परिवार के अन्य सदस्यों में भी गरीबों की लड़ाई लड़ने की भावना पैदा हुई. उनके सपने कुछ हद तक साकार हुए हैं, बाकि बचे सपनों के लिए हमें संघर्ष करना है. इसके पूर्व राज्य कमिटी सदस्य उमेश सिंह ने काॅ. पवन शर्मा के संक्षिप्त जीवन परिचय का पाठ किया. आने वाले दिनों में सामाजिक-राजनीतिक बदलाव की प्रेरणास्रोत के रूप में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपने विचारों व संघर्षों में जिंदा रखनेका संकल्प लिया. कार्यक्रम में नालंदा, जहानाबाद, गया, पटना आदि जिलों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अपनी भागीदारी की. उन तमाम जिलों से पार्टी कार्यकर्ता आज पटना पहुंचे, जहां-जहां काॅ. पवन शर्मा ने पार्टी का काम किया था.
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