पटना,10 फरवरी। बिहार किसान कांग्रेस उत्तर बिहार के चेयरमैन हिमांशु कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार सरकार धान अधिप्राप्ति के नाम पर भी किसानों के साथ दोहरा और सौतेला व्यवहार कर रही है जहां मधुबनी, सीतामढ़ी ,पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण ,सारण और भोजपुर जैसे जिलों के धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को घटा दिया गया है वही नालंदा जिले की धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को बढ़ा दिया गया है यह बिहार सरकार के दोहरे मानसिकता को प्रदर्शित करता है। बिहार सरकार पूरे बिहार में धान अधिप्राप्ति की अंतिम तारीख 15 फरवरी तय की थी परंतु 7 जिलों में एकाएक धान की अधिप्राप्ति को बंद करने की घोषणा कर दी। रैयत किसान से तीन गुना अधिक गैर रैयत किसानों द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए आवेदन किया जाना और अधिप्राप्ति में अधिकतर गैर रैयत किसानों का नाम होना ही अपने आप में इस बात का साक्ष्य है की धान की अधिप्राप्ति किसानों के बदले व्यापारियों के माध्यम से किया गया है और किसान उपेक्षित और ठगा महसूस कर रहे हैं।
गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022
बिहार : किसानों के साथ दोहरा और सौतेला व्यवहार : हिमांशु
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