नयी दिल्ली, छह फरवरी, भारत को अपनी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा 2023 की शुरुआत में मिल सकती है। यह मौजूदा समय में उपलब्ध किसी निजी कंपनी के संचालन वाले इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसी ही होगी, लेकिन इसके साथ ‘सरकारी गारंटी’ जुड़ी होगी। एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि जल्द केंद्रीय बैंक के समर्थन वाला ‘डिजिटल रुपया’ पेश किया जाएगा। इस सूत्र ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा में भारतीय करेंसी की तरह विशिष्ट अंक होंगे। यह ‘फ्लैट’ मुद्रा से भिन्न नहीं होगी। यह उसका डिजिटल रूप होगा। एक प्रकार से कह सकते हैं कि यह सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा। डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा। सूत्र ने बताया कि केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया है कि डिजिटल रुपया अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा। रिजर्व बैंक द्वारा विकसित डिजिटल रुपया ब्लॉकचेज सभी तरह के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा। निजी कंपनियों के मोबाइल वॉलेट में फिलहाल यह प्रणाली नहीं है। सूत्र ने इसे समझाते हुए कहा कि निजी कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए लोग अभी पैसा निजी कंपनियों को हस्तांतरित करते हैं। यह पैसा उनके पास रहता है और ये कंपनियां किसी लेनदेन पर ग्राहकों की ओर से मर्चेंट यानी दुकानदारों आदि को भुगतान करती हैं। वहीं डिजिटल रुपये के मामले में लोगों के पास डिजिटल मुद्रा फोन में रहेगी और यह केंद्रीय बैंक के पास होगी। केंद्रीय बैंक के पास से इसे किसी दुकानदार आदि को स्थानांतरित किया जाएगा। इसपर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी। सूत्र ने कहा कि जब पैसा किसी कंपनी के ई-वॉलेट में स्थानांतरित किया जाता है, तो उस कंपनी का ‘क्रेडिट’ जोखिम भी इस पैसे से जुड़ा होता है। इसके अलावा ये कंपनियां शुल्क भी लगाती हैं। सूत्र ने कहा, ‘‘इस वॉलेट को लेकर चलने के बजाय मैं पैसा अपने फोन में रखना चाहूंगा।’’
रविवार, 6 फ़रवरी 2022
भारत को 2023 में मिलेगा अपना ‘डिजिटल रुपया’
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