कुमार विश्वास को गृह-मन्त्रालय ने वाई कैटेगरी का सुरक्षा कवच मुहैया कराने का निर्णय लिया है। दरअसल,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने कवि कुमार विश्वास को सीआरपीएफ कवर के साथ वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है। कुमार विश्वास ने हाल ही में आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने उनसे कहा था कि एक दिन या तो वे पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले प्रधानमंत्री होंगे। सवाल यह नहीं है कि रक्षा कवच क्यों प्रदान किया गया?सवाल है कि करदाता पर यह बोझ आखिर क्यों?विश्वास और उन जैसे अन्य कई गण्यमान्य भद्रजन इतने साधनसंपन्न हैं कि वे चाहें तो अपनी सुरक्षा के लिए खुद अपनी आय से अपनी सुरक्षा की व्यवस्था कर सकते हैं।आम आदमी की जेब पर यह नाहक का भार क्यों? अंटसंट अथवा अनर्गल बोलने वाले हर किसी छोटे-बड़े व्यक्ति को सरकार अगर इसी तरह से सुरक्षा देने की परंपरा डालती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब हर तरह के 'जुगाड़ू' भद्रजन के दाएं-बाएं पुलिस के जवान कदमताल करते नज़र आएंगे और भद्रजनों की तुलना में पुलिस की संख्या ज्यादा नज़र आने लगेगी। वैसे,कुमार विश्वास के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा है : ‘मैं दुनिया का सबसे स्वीट आतंकवादी हूं, जो स्कूल-कॉलेज बनवाता है। लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजता है, ऐसा आतंवादी तो दुनिया में पैदा ही नहीं हुआ होगा। मुझ पर आरोप लग रहे हैं कि प्रधानमंत्री बनने के लिए और खालिस्तान बनाने के लिए मैं प्लान बना रहा था। अगर ऐसा है तो 3 साल कांग्रेस की सरकार रही और लगभग 8 साल से बीजेपी की सरकार है, फिर उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की?’ पूरे प्रकरण का लब्बोलबाब यह कि कभी-कभी खबरों में रहने के लिए महत्वाकांक्षी चतुर-सुजान जानबूझकर सही/गलत बयानबाज़ी करते हैं जिसका उन्हें फायदा भी मिलता है। ज़मीन से जुड़े असली कार्यकर्ता तो दर-दर की ठोकरें खाते हैं और पाला बदलने वाले और बेमतलब का प्रलाप करने वाले अवसरवादी नेता मलाई काट रहे हैं।कसूर मलाई चाटने वाला का नहीं,मलाई बांटने वाले का है।
शिबन कृष्ण रैणा
अलवर
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