बता दें कि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से बहस की गई थी. इस दौरान उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा था कि 1990 में स्कूटर, बाइक सहित अन्य वाहन से मवेशी ढोए गए थे. इसके नाम पर कोषागार से 26 हजार रुपये की निकासी की गई थी. इसमें लालू प्रसाद की कोई भूमिका नहीं है. पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह ने इसकी जांच सीबीआइ कराने की बात कही तो लालू प्रसाद तत्कालीन मुख्य सचिव इस पर मंतव्य मांगा. मुख्य सचिव ने कहा था कि मेरी बात सीबीआइ के निदेशक से हुई. निदेशक ने कहा कि वह इस तरह के मामले की जांच नहीं करते हैं. इसलिए इसकी जांच सीआइडी या निगरानी से कराई जाए. इसके बाद लालू प्रसाद ने निगरानी से जांच कराने का आदेश दिया. इसमें लालू प्रसाद कहीं से भी दोषी नहीं है. मालूम हो कि सियासत में किंग मेकर कहे जाने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला के कुल पांच मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से दो मामले झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा कोषागार से संबंधित रहे हैं. एक मामला दुमका कोषागार से संबंधित रहा है। एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा हुआ है. वहीं एक मामला रांची के डोरंडा कोषागार से संबंधित है, जो अवैध निकासी का सबसे बड़ा मामला है. चाईबासा कोषागार, दुमका कोषागार और देवघर कोषागार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल 27 वर्षों की सजा कोर्ट द्वारा सुनाई गई थी। वहीं, डोरंडा कोषागार मामले में 15 फरवरी 2022 को सजा सुनाई जाएगी. झारखंड-बिहार ही नहीं, देश में हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल इस समय तैर रहा है- लालू प्रयाद यादव का क्या होगा? सवाल इसलिए कि सीबीआइ की विशेष अदालत राजद सुप्रीमो लालू प्रयाद यादव को इसी 15 फरवरी को चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सजा सुनाने वाली है. सजा सुनने के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर रहने के लिए कहा गया है. यह वही घोटाला का मामला है, जिसमें रांची जिले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. अदालत में मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है. बस सजा सुनाने की औपचारिकता बाकी है.काननू के जानकारों की मानें तो लालू प्रसाद यादव को सजा होना तय माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कि चारा घोटाला के अन्य चार मामलों में अदालत उनको सजा सुना चुकी है.
पटना. दिल्ली से राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव पटना आएंगे.राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 10 फरवरी को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी शामिल होंगे. इसमें अगले छह से आठ महीनों में पार्टी में संगठनात्मक चुनाव और सदस्यता अभियान की शुरुआत होगी. इसका समापन प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ होगा. इस बैठक में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी.इसके बाद पटना से रांची चले जाएंगे.15 फरवरी को चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को लेकर फैसला आने वाला है. रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार से धोखाधड़ी से 139 करोड़ रुपये की निकासी से संबंधित प्रसाद और कई अन्य से जुड़े पांचवें चारा घोटाला मामले में ट्रायल पूरा कर लिया है और अपना फैसला 15 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया है. इन परिस्थितयों को देखते हुए लोगों के मन में कई अन्य सवाल भी उठ रहे हैं- लालू प्रसाद यादव को कितने साल की इस बार सजा हो सकती है, उन्हें पुनरू कितने दिनों तक जेल में रहना पड़ सकता है, उन्हें कितने दिनों के बाद कोर्ट से जमानत मिल सकती है, लालू के बाद राजद का भविष्य क्या होगा आदि आदि लोग अभी से इस गुणा-भाग करने में जुट गए हैं. खुद बिहार और झारखंड में राजद के नेता और कार्यकर्ता भी इस समय इसी तरह की चर्चाएं करते नजर आ रहे हैं. यहां तक की लालू प्रयाद यादव के घर-परिवार में भी इस तरह की चर्चाएं चलने का दावा किया जा रहा है.
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