झुमरी तिलैया (झारखंड), छह फरवरी, झुमरी तिलैया संगीत प्रेमियों के लिए एक जाना पहचाना नाम है। झारखंड में प्रकृति की गोद में बसे इस कस्बे ने नयनाभिराम झीलों के दृश्य से प्रकृति प्रेमियों के बीच एक अलग पहचान बनाई है। इस छोटे से कस्बाई शहर को 1950 के दशक की शुरुआत में रेडियो सीलोन और आकाशवाणी ने भी खासी प्रसिद्धि दिलाई। आकाशवाणी के विविध भारती पर उस समय फरमाइशी गानों के कार्यक्रम में झुमरी तिलैया से सबसे अधिक महान गायिका लता मंगेशकर द्वारा गाए गानों को बजाने की मांग की जाती थी। पीढ़ियों से संगीत को परिभाषित करने वाली ‘भारत कोकिला’ के निधन की खबर जैसे ही इस छोटे से शहर में पहुंची, देवी सरस्वती की पूजा के लिए बने पंडालों, दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में लाउडस्पीकरों से ‘लता दीदी’ के गाने बजाए जाने लगे। लोग सड़कों पर गमगीन नजर आ रहे थे।
भारत के अधिकतर हिस्सों में भले ही आज रेडियो की जगह टेलीविजन ने ले ली हो लेकिन झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 165 किलोमीटर दूर झुमरी तिलैया में आज भी सड़क किनारे ढाबों, छोटी दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों में रेडियो सेट पर गाने सुनने के शौकीन मिल जाएंगे। रेडियो सीलोन पर अमीन सयानी और विविध भारती पर अन्य उद्घोषकों को अक्सर यह घोषणा करते सुना जाता था-‘‘अगली फरमाइश है झुमरी तिलैया से।’’ जब रेडियो लोकप्रिय हो गए, तो इस कस्बे में पोस्टकार्ड पर गाने के लिए अनुरोध भेजना लोगों का एक प्रमुख शौक बन गया। झुमरी तिलैया के एक खदान मालिक, रामेश्वर प्रसाद बरनवाल ने रेडियो सीलोन पर अमीन सयानी के ‘बिनाका गीतमाला’ कार्यक्रम के लिए ‘फरमाइशों’ के साथ पोस्टकार्ड भेजना शुरू किया, जिससे शहर के अन्य लोग भी पोस्टकार्ड भेजने को लेकर प्रेरित हुए। जल्द ही झुमरी तिलैया में रेडियो प्रेमियों ने एक छोटा रेडियो श्रोताओं का क्लब बना लिया। क्षेत्र के एक प्रमुख उद्योगपति राहुल मोदी के दादा रामेश्वर मोदी उस समय अभ्रक के प्रमुख कारोबारी थे। राहुल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मेरे दादा और अन्य लोग एक-दूसरे के साथ शर्त लगाते थे, किसके नाम की घोषणा संगीत के फरमाइशी कार्यक्रम में की जाएगी।’’ राहुल मोदी ने कहा कि ज्यादातर फरमाइशें लता मंगेशकर के गानों की होती थी। उन्होंने कहा, ‘‘यह क्षेत्र के लिए एक दुखद दिन है। यह बहुत बड़ी क्षति है... झुमरी तिलैया और लता दीदी के गीत का रिश्ता अटूट है।’’ संयुक्त राष्ट्र की संस्था के एक प्रमुख चिकित्सक डॉ. दीपक कुमार ने कहा, ‘‘झुमरी तिलैया की पहचान रेडियो और लता जी के गीतों के कारण है।’’
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