मधुबनी, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा पंडौल प्रखंड के सभी मुखिया जनों से समाहरणालय के सभाकक्ष में भेंट की गई। बताते चलें कि जिलाधिकारी द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के नवनिर्वाचित मुखिया जनों से प्रखंडों के क्रम के अनुसार मुलाकात कर संवाद किया जा रहा है। इस संवाद कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जिले में संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं में मुखिया जनों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए दिशाबोध प्रदान किया जाता है। इस अवसर पर संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से लोगों की रक्षा का एकमात्र ढाल वैक्सिनेशन है। आज चौदह साल से ऊपर के आयुवर्ग के सभी लोगों को अभियान चलाकर वैक्सिनेट किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सीन लिया है। परंतु, शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में आपकी सहायता अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत आप सभी लोक सेवक हैं और लोकसेवकों को हमेशा अपने आचरण का विश्लेषण करते रहना चाहिए। यह इस लिए भी आवश्यक है क्योंकि लोकसेवकों के अनुचित व्यवहार पर दंड के प्रावधान भी बने हुए हैं। आपको अपने पंचायत के सभी वर्गों के लिए सम्यक भाव रखना है, चाहे उनके मत आपको प्राप्त हुए हों अथवा नहीं। हमें कहीं से भी यह शिकायत न मिले कि पंचायत की योजनाओं में हमें जानबूझकर वंचित रखा जा रहा है। ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते पंचायतों के विकास में आपकी भूमिका बेहद अहम है। छोटी बड़ी किसी भी सरकारी योजनाओं को ग्राम स्तर तक सफलीभूत करने में मुखिया की अहम भूमिका होती है। इसलिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी अत्यंत आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम पंचायत की आम सभा एक मात्र ऐसी प्रणाली है जिसमें मतदाताओं को अपने विचार व्यक्त करने का वास्तविक अवसर प्राप्त होता है। ऐसे में ग्राम पंचायतों के माध्यम से चुनी हुई योजनाएं जनहित में बेहद असरकारक साबित होंगी। मुमकिन है कि शुरुआत में कुछ कठिनाई हो, परंतु धीरे धीरे हमारी ग्राम पंचायतें जितनी सबल होंगी और गांवों का भी उतना ही विकास होगा। अतः ग्राम सभाएं कागजी बनकर न रह जाए।
उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्य भी हमेशा जुड़े रहते हैं। इसलिए योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ विविध प्रकार की जिम्मेवारियों को भी वहन करना होगा। मद्य निषेध, बाल विवाह, दहेज प्रथा और बाल श्रम के क्षेत्र में आप सभी लोगों से संवेदनशीलता की अपेक्षा है। सभी मुखिया का आह्वान करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आप सभी समस्याओं से आगे बढ़कर समाधान की ओर कदम बढ़ाएं। भूमि विवाद की समस्या आज सबसे जटिल हो चली हैं। विशेषकर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को कभी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए सरकारी भूमि की अत्यंत आवश्यकता है। ऐसे किसी भी भूमि को चिन्हित कर जिला को प्रतिवेदित किया जाए। ऐसे किसी भी पंचायत में जहां पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं हो सका है, वहां तत्पर होकर भूमि उपलब्ध कराई जाए। ताकि, जल्द से जल्द इनका निर्माण आरंभ किया जा सके। उन्होंने सभी मुखिया से अपने अपने पंचायत में विकास के अंग्रेजी वर्णमाला के चार एस का फॉर्मूला भी दिया। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और स्वावलंबन शामिल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन चारों को दुरुस्त करने से पंचायत की दशा दिशा बदली जा सकेगी। उन्होंने महिला मुखिया से भी पंचायत के विकास में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की। जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिले में स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए श्री प्रमोद कुमार झा, एस एम सी, यूनिसेफ ने कोरोना वैक्सिनेशन की महत्ता पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने रूटीन इम्यूनाइजेशन के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य के फायदे को बताया और जिले मुख्यालय से लेकर विभिन्न स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर संस्थागत प्रसव के दूरगामी सकारात्मक परिणामों की भी जानकारी दी। उक्त बैठक में श्री शैलेंद्र कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मधुबनी के साथ साथ डीपीआरसी से श्री शेख अब्दुल अयूब एवं श्री विकास कुमार मिश्र व पंडौल प्रखंड से आए सभी मुखिया जन उपस्थित थे।
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