अमेजन- फ्यूचर मामले में SC ने उच्च न्यायालय का आदेश खारिज किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

अमेजन- फ्यूचर मामले में SC ने उच्च न्यायालय का आदेश खारिज किया

sc-dismiss-high-court-verdict-on-future-amezon-deal
नयी दिल्ली, एक फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों को मंगलवार को खारिज कर दिया। खारिज किए गए आदेशों में वह आदेश भी शामिल है, जिसमें विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोकने वाले मध्यस्थ के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया गया था। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे पर मध्यस्थ के फैसले संबंधी फ्यूचर ग्रुप कंपनियों की याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय के पास वापस भेज दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम दो फरवरी, 2021 और 18 मार्च, 2021 के आदेशों और 29 अक्टूबर, 2021 के आदेश को रद्द करते हैं। हम (उच्च न्यायालय के) विद्वान न्यायाधीश को निर्देश देते हैं कि वह इस मामले पर विचार करें और टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना गुण-दोष के आधार पर आदेश पारित करें। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करेंगे कि वह इस मामले के शीघ्र निपटान के लिए एक पीठ का गठन करें। अमेरिका की ई-कॉर्म्स कंपनी अमेजन रिलायंस रिटेल और एफआरएल के 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे के साथ आगे बढ़ने के फ्यूचर समूह के फैसले का विरोध कर रही है। सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) ने अपने आपात निर्णय (ईए) में फ्यूचर समूह को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे को लेकर आगे बढ़ने से रोक कर अमेरिकी कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। ईए को अक्टूबर 2021 में मध्यस्थ के अंतिम फैसले में बरकरार रखा गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मध्यस्थता केंद्र के अंतिम फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और उसने एक अन्य आदेश में उसने फ्यूचर ग्रुप और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों पर 20 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था और उनकी संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया था।

कोई टिप्पणी नहीं: