जौरा, मुरैना.विख्यात गांधीवादी हैं पद्मश्री डा.एस.एन.सुब्बराव.प्यार से लोग गांधीवादी सुब्बराव को ‘भाई‘ जी कहते हैं. उनका जन्म 7 फरवरी 1929 को बेंगलुरु में हुआ था.आज उनका 93 वां जन्मदिवस है.आज देश भर के युवाओं ने जन्म दिवस को भाई जी के दिवस के रूप में मनाया. इस अवसर पर चंबल घाटी के जौरा स्थित महात्मा गांधी सेवा आश्रम में आयोजित भाई जी के दिवस के अवसर पर 28 राज्यों से युवा भाई-बहनों ने आकर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किये. इस अवसर पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम में भाई जी स्मृति समारोह भी आयोजित किया गया.यहां उल्लेखनीय है कि देशभर के युवाओं के द्वारा अपने अपने जगहों से लाए हुए मिट्टी को समाधि स्थल पर समर्पित किया गया, इसके पश्चात देश भर से लाए हुए पौधों का भी वृक्षारोपण किया गया. तत्पश्चात भाई जी स्मृति समारोह में 7 फरवरी जन्म दिवस के अवसर पर समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर चंबल घाटी के जौरा स्थित महात्मा गांधी सेवा आश्रम में स्मृति समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वसेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधीवादी श्री चंदनपाल जी ने की. इस अवसर पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम के अध्यक्ष एवं सर्व समाज के संयोजक श्री राजगोंपाल पी. व्ही., राष्ट्रीय युवा योजना के न्यासी के. सुकुमारन जी, मधुसूदन जी, महेन्द्र नागर जी सर्व सेवा संघ के अशोकशरण जी, प्रभारी विनय गुप्ताजी, प्यारी बहन, इति बहिन आदि उपस्थित थे.
इस अवसर पर सर्वप्रथम महात्मा गांधी सेवा आश्रम के सचिव डा. रनसिंह परमार ने भाई जी को नमन किया.इसके बाद देश भर से गांधी आश्रम जौरा में पधारें लोगों को भाई जी के दिवस पर भी नमन किया. उन्हांेने सभी आगंतुकों से अनुरोध किया कि जो लोग यहां आये हैं वह आज यहां से भाई जी के आदर्शों और उनके विचारों को देश भर में लेकर जाएंगे और कार्य करेेंगे. उनका कहना है कि भाई जी का व्यक्तित्व बहुआयामी रहा है, भाई जी ने अपना जीवन लोगों के बीच में ही व्यतीत किये.उन्होंने अपने लिये कोई घर नही बनवाया, दो थैले ही लेकर हमेशा चलते रहे,किसी के भी घर पर रुक जाते थे, यही कारण था कि समाज का हर व्यक्ति उन्हें अपने नजदीक मानता रहा है.वे बचपन से ही महात्मा गांधी से प्रभावित थे. 13 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया. सुब्बराव जीवन भर गांधीवादी मूल्यों के प्रचार में लगे रहे. वे देश-विदेश भर में कैंप लगाकर युवाओं को गांधीवाद और अहिंसा के बारे में बताते थे. उन्हें 18 भाषाओं का ज्ञान था. इस अवसर पर गांधीवादी पी.व्ही. राजगोपाल जी ने अपने संदेश में कहा कि आज हम सब भाई जी के शांति और सेवा कार्यों से प्रेरणा लेकर समाज में दूरियों को पाटने का काम कर सकते हैं. हमें विश्वास है कि सभी अच्छे लोग हैं, निश्चित ही दूरियों को खत्म कर देश में शांति, सद्भाव और भाईचारे का महौल निर्मित करते रहेंगे ताकि भाई जी के सपनों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि भाई जी के विशेष शांति प्रयासों के फलस्वरुप बागियों के आत्म सर्मपण के बाद गांधी आश्रम से दो संघठनों का उदय हुआ. राष्ट्रीय युवा योजना और एकता परिषद. इन दोनो का काम शांति और राष्ट्र निर्माण के लिये हुआ है. उन्होंने कहा कि डा. एस.एन. सुब्बराव ने चंबल के 654 से ज्यादा डाकुओं से सरेंडर करवाया था. 1972 में मुरैना के जौरा गांधी आश्रम में जयप्रकाश नारायण की मौजूदगी में 450 डकैतों से सरेंडर करवाया था. इसी दौरान धौलपुर में भी 100 से ज्यादा डकैतों ने सरेंडर किया था.चंबल के डकैतों से सामूहिक सरेंडर करवाकर सुब्बराव देश भर में चर्चा में आए.
उन्होंने आगे कहा कि आगामी अप्रैल माह में बागी समर्पण की 50 वीं वर्षगांठ पर 14 से 16 अप्रैल तक 3 दिवसीय सर्वोदई समागम का आयोजन महात्मा गांधी सेवा आश्रम में होगा. हिंसा से अहिंसा का संदेश देने के लिये जौरा म.प्र., बटेश्वर उत्तर प्रदेश और तालाबशाही राजस्थान बागी समर्पण स्थलों से 3 यात्रायें शांति और अहिंसा का संदेश देने के लिये चलाई जायेगी.उन्होने कहा कि आज देश के लांेगो को प्रेरणा देने के लिये पीस टूरिज्म की तैयारी करना जरुरी है. और तीसरा अभियान गांधी और गरीब, अंतिम व्यक्ति को संशक्त बनाने के लिये चलाया जायेगा. भाई जी स्मृति समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री चंदनपाल जी ने भाई जी के प्रेरणास्पद कार्यो और भाई जी के व्यक्तित्व पर सभी कार्यकर्ताओं को संकल्प लेकर कार्य करने को कहा और जय जगत के विचार को देशभर में ले जाने का आह्वान किया. इसके अलावा मंचासीन अतिथियों ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया.भाई जी दिवस पर एच.एल. हाई स्कूल जौरा एवं मॉ शारदा स्कूल जौरा के बच्चों ने रैली कर भाई जी को श्रद्धांजलि देते हुये स्मरण किया. दूसरे सत्र का अध्यक्षता गांधी भवन भोपाल के सचिव श्री दयाराम नामदेव जी ने किया.कार्यक्रम का संचालन विनय भाई ने किया. 6 से 8 फरवरी 2022 देशभर के 28 राज्यों में आंध्र प्रदेश, आसाम, अंडमान निकोबार, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, उड़ीसा, पंजाब, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल आदि के 500 से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए. कार्यक्रम में एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रमेश शर्मा जी, अनीश भाई, निर्भय सिंह, संतोष सिंह,राकेश दीक्षित, उदयभान सिंह डोगर शर्मा, शीतल, प्रफुल्ल भाई , रबीन्द्र सकसैना, दिनेश सिकरवार, दीपक अग्रवाल आदि उपस्थित थे.
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