एक-एक आंगनवाड़ी एडोप्ट करें, जहां काम करने की जरूरत हो - कलेक्टर
गिरदावरी कार्य विशुद्ध पारदर्शी हो-अपर कलेक्टर
सफलता की कहानी : अंतवर्ती फसल प्रणाली ने किसान को अतिरिक्त लाभ की ओर अग्रसर किया
जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, शालाओं एवं आंगनबाड़ियों में नल से जल पहुंचाने का कार्य प्रगतिरत
विदिशा जिले में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के अंतर्गत विदिशा जिले के प्रत्येक विकासखंड अंतर्गत नल से जल की व्यवस्था पूर्ण करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विदिशा जिले में प्रत्येक गांव में हर एक घर में नल से जल पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। ग्राम स्तर पर भी एक-एक घर नल से जल योजना से वंचित न रहे के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन अंतर्गत हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विदिशा जिले के में जल जीवन मिशन के तहत शालाओं एवं आंगनबाड़ियों की प्रगति की जानकारी अनुसार विदिशा जिले में 1998 शालाएं चिन्हित की गई हैं। जिनमें से दिनांक 31 जनवरी 2022 तक 1257 में नल से जल की व्यवस्था पूर्ण की जा चुकी है एवं शेष कार्य प्रगतिरत है। इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत जिले में 1007 आंगनबाड़ियां चिन्हित की गई हैं। जिनमें से दिनांक 3 फरवरी 2022 तक 597 आंगनबाड़ियों में कार्य पूर्ण कर 322 में नल से जल की व्यवस्था पूर्ण की जा चुकी है एवं शेष कार्य प्रगतिरत हैं।
पचास सेम्पल पॉजिटिव प्राप्त हुए
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि गुरूवार दस फरवरी को कोविड 19 के 50 सेम्पल पॉजिटिव प्राप्त हुए है जिसमें सर्वाधिक विदिशा विकासखण्ड में 23 इसके पश्चात् नटेरन में 15, ग्यारसपुर में 07, बासौदा में 04 तथा लटेरी में 01 सेम्पल पॉजिटिव प्राप्त हुआ है।
हितग्राहियों का सत्यापन सोशल ऑडिट से
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के हितग्राहियों के सत्यापन हेतु सोशल ऑडिट प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। जिसके लिए समय सीमा निर्धारित करने के साथ आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। नौ फरवरी से 14 फरवरी 2022 तक समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी, पंचायत सचिव का मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इसके अलावा पटवारी द्वारा पंचायत सचिव को ग्रामवार सूची प्रदान करना एवं पंचायत सचिव द्वारा प्रत्येक ग्राम में दृष्टव्य स्थान पर हितग्राही सूची को चस्पा करना शामिल है। वहीं 16 फरवरी से 20 फरवरी 2022 तक विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है। 21 फरवरी से 23 फरवरी 2022 तक हस्ताक्षरित प्ररूप एक एवं दो संबंधित तहसीलदार की ओर प्रेषित करना है। 24 फरवरी से 5 मार्च 2022 तक प्रारूप एक एवं दो के संबंध में व्यक्तिवार पटवारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाएगा। छह मार्च से 15 मार्च 2022 तक जांच प्रतिवेदन अनुसार डाटा पीएम किसान पोर्टल पर नियत प्रक्रिया अनुसार अद्यतन करना होगा। इसके अलावा 16 मार्च 2022 को तहसीलदार द्वारा जिले को विस्तृत जानकारी में नियत प्रमाण पत्र प्रेषित करना होगी और 20 मार्च 2022 को जिलों द्वारा संक्षिप्त जानकारी एवं प्रमाण पत्र आयुक्त भू अभिलेख की ओर प्रेषित करना सुनिश्चित किया जाएगा।
विस्तृत प्रक्रिया-
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की विस्तृत प्रक्रिया के अंतर्गत प्रथम चरण में ग्राम सभा में हितग्राही सूची का वाचन। द्वितीय चरण में वाचन उपरांत अपात्रध्छूटे हुए पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार करना। तृतीय चरण में अपात्र एवं छूटे हुए पात्र हितग्राहियों की सूची संबंधित तहसीलदार को प्रेषित करना। चतुर्थ चरण में ग्राम सभा से प्राप्त जानकारी हेतु तहसीलदार द्वारा कार्यवाही एवं पंचम चरण में जिलों द्वारा प्रतिवेदन आयुक्त भू-अभिलेख की ओर प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिले के सभी मत्स्य पालकों, मत्स्य बीज उत्पादन, संवर्धन कर्ताओं, मछली पकड़ने वाले मछुआरों एवं मत्स्य विक्रेताओं के किसान क्रेडिट कार्ड हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की तर्ज पर ही जिले के सभी मत्स्य पालको, नदी, नालों में मछली पकड़ने वाले मछुआरों, मत्स्य विक्रेताओ को किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराये जायेंगे। सहायक संचालक श्री संतोष दुबे ने बताया कि मत्स्य पालको के लिये अधिकतम 2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर, जलाशयों, तालाबों के पट्टा धारक पंजीकृत मछुआ सहकारी संस्थाओं के सदस्यों को अधिकतम 23 हजार रूपये प्रति सदस्य, जलाशयों, तालाबों के पट्टाधारक (100 हैक्टेयर) पंजीकृत मछुआ सहकारी संस्थाओं को अधिकतम 9 लाख रूपये प्रति संस्था के मान से किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों के माध्यम से मुहैया कराये जा रहे हैं। ज्ञातव्य हो कि मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों द्वारा अल्प अवधि ऋण की ब्याज दर 4 प्रतिशत एवं सहकारी बैंकों की शून्य ब्याज दर निर्धारित है। साथ ही समय पर ऋण राशि बैंकों को चुकता किये जाने पर यह किसान क्रेडिट कार्ड प्रतिवर्ष पुनः नवीनीकृत किये जाते हैं और इस प्रकार हितग्राही को अपने मत्स्यकीय व्यवसाय की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये प्रतिवर्ष ऋण राशि आसानी से प्राप्त हो जाती है। मत्स्य पलकों को उन्नत प्रजातियों के मछली बीज, मत्स्य आहार, खाद, दवा आदि इनपुट्स व आवर्ती व्यय के लिये और पंजीकृत मछुआ सहकारी संस्थाओं एवं उनके सदस्यों को नाव-जाल क्रयकरण हेतु किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आवश्कतानुसार राशि आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है। सहायक संचालक श्री दुबे ने बताया कि अब नदी, नालों से मछली पकड़ने वाले मछुआरों, मत्स्य विक्रेताओं को भी इसी प्रकार से उनके व्यवसाय के लिये किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराए जाने हेतु भी शासन स्तर पर सहमति बन गयी है। जल्दी ही इसकी स्वीकृति प्राप्त हो जायेगी। संचालनालय मत्स्योधोग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार इन मछुआरों एवं मत्स्य विक्रेताओं से भी किसान क्रेडिट कार्ड के लिये आवेदन प्राप्त कर बैंकों को भेजे जा रहे हैं, ताकि बैंक हितग्राही की जांच और बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया पूर्ण कर सकेंगे। शासन से स्वीकृति आदेश प्राप्त होते ही नदी, नालों से मछली पकड़ने वाले मछुओं, मत्स्य विक्रेताओं को भी शीघ्र किसान क्रेडिट कार्ड जारी हो सकेंगे। जिले के सभी मत्स्य पालकों, मछुआ सहकारी संस्थाओं, उनके समस्त सदस्यों, नदियों से मछली पकड़ने, विक्रय का कार्य करने वाले सभी मछुओं से आग्रह है कि वे शासन की इस योजना का लाभ उठाने के लिये सहायक संचालक श्री संतोष दुबे मत्स्योद्योग कार्यालय पुरानी कलेक्ट्रेट भवन में अपना आवेदन पत्र शीघ्र प्रस्तुत करें। इसके लिये उन्हें अपने मत्स्य कार्य संबंधी व्यवसाय के दस्तावेज, प्रमाण-पत्र के साथ पासपोर्ट साइज के स्वयं के दो फोटो, आधार कार्ड के साथ ही अन्य कोई और भी फोटो परिचय पत्र जैसे कि वोटर कार्ड, अपने बैंक के बचत खाते की पासबुक अवश्य ही साथ में लावें। आवेदन पत्र कार्यालय द्वारा ही तत्काल पूर्ण कराया जायेगा। अधिक जानकारी कार्यालयीन दिवसों अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।
अस्वस्थ, अति वरिष्ठ पेंशनरों, परिवार पेंशनरों को अब डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र जमा करना होगा आसान
अस्वस्थ एवं अति वरिष्ठ पेंशनरों और परिवार पेंशनरों की सहूलियत के लिये डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है। वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश देते हुए व्यवस्था से अवगत कराया गया है। जिला कोषालय अधिकारी श्री उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि अस्वस्थ एवं अति वरिष्ठ पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार करने और प्रस्तुत करने के लिये नियत केंद्र या कियोस्क तक पहुँचने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य शासन के पेंशनर और परिवार पेंशनरों के लिये कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश अनुरूप इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाण जमा करने के लिये डोर स्टेप सर्विस सेवा अतिरिक्त विकल्प के रूप में सशुल्क प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। जिला कोषालय अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने ततसंबंध में बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था में जीवन प्रमाण-पत्र, पोर्टल के साथ इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक या पोस्ट ऑफिस से संपर्क कर नियत शुल्क जमा कर प्राप्त किया जा सकेगा। पेंशनर और परिवार पेंशनर को मूलभूत जानकारी जैसे पेंशन आईडी, पेंशन पेमेंट ऑर्डर, पेंशन वितरण विभाग, संस्था, बैंक वितरण, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि जानकारी पोस्टमैन को उपलब्ध करानी होगी। पोस्टमैन द्वारा बायोमेट्रिक डिवाइस से पेंशनर का सत्यापन करते हुए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र जनरेट कर जीवन प्रमाण पोर्टल पर अपडेट किया जा सकेगा।
अब नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत जारी होगी
अब नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत रूप में ही जारी होगी। पूर्व में जारी भू अधिकार पुस्तिका यथावत् प्रचलन में रहेगी। राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार भू-अधिकार पुस्तिका अब कम्प्यूटरीकृत रूप में जारी की जायेगी। पूर्व में भौतिक रूप से जारी भू अधिकार पुस्तिका यथावत् प्रचलन में रहेगी परन्तु नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत रूप में ही जारी होगी। भू-अधिकार पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ हेतु 30 रूपये एवं अतिरिक्त प्रति पृष्ठ 15 रुपये शुल्क निर्धारित है। भू-अधिकार पुस्तिका न्यूनतम दो पृष्ठों की होगी, इस प्रकार दो पृष्ठों की भू-अधिकार पुस्तिका की कीमत 45 रुपये निर्धारित की गई है। अतिरिक पृष्ठ जोड़े जाने पर प्रतिपृष्ठ 15 रुपये देय होगा। भू-अधिकार पुस्तिका शुल्क अदा करने पर भूलेख पोर्टल www.mpbhulekh.gov.in पर ऑनलाइन, आईटी सेन्टर, एमपी ऑनलाइन, लोक सेवा केन्द्र एवं शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता से प्राप्त की जा सकेगी।
ई खसरा खतोनी से लाभ
राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर ने जिले में ई-खसरा परियोजना को लागू किया है। जिसके तहत अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार नायब तहसीलदार एवं जिले के समस्त पटवारियों की आई.डी. मोडीफिकेशन अपडेशन कार्य हेतु वनाई गई है। इस परियोजना के अन्तर्गत अनुबंधित फर्म द्वारा जिले की सभी तहसीलों में आई.टी. सेन्टर स्थापित किये गये है। जिनसे कृषकों को उनकी मांग अनुरुप प्रमाणित खसरा बी-1, नक्शा की प्रतिलिपियाँ नियत शुल्क प्रति पृष्ठ 30 रुपये लेकर उपलब्ध कराई जा रही है। कृषक अपने खाते की नकल, खेत का अक्श विभागीय बेवसाईटू www.mpbhulekh.gov.in पर निशुल्क देख सकता है।
वन नेशन वन राशनकार्ड योजना के तहत जागरूकता अभियान 21 फरवरी से
वन नेशन वन राशनकार्ड योजना की समीक्षा भारत सरकार द्वारा नियमित तौर पर की जाती है। इस योजना के तहत राज्य की देश के प्रथम 10 राज्यों में उपलब्धि रही है। योजना को बढ़ावा देने के लिये पूर्व में औद्योगिक क्षेत्रों में कैंप लगाकर हितग्राहियों को योजना संबंधी जानकारी दी गई थी, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए थे। जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाते हुए अब ऐसे क्षेत्र, जहां बड़ी कालोनियों का निर्माण कार्य, सड़क निर्माण कार्य, शासकीय भवनों का निर्माण, रेल्वे तथा अन्य अद्योसंरचना के निर्माण कार्य में लगे विभिन्न प्रदेशों तथा राज्य के अन्य जिलों से आए प्रवासी मजदूरों को जागरूकता अभियान चलाकर योजना के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसके लिए 21 फरवरी 2022 से जागरूकता अभियान आयोजित किया जाएगा।
भवन व संनिर्माण श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड बनाए जायेंगे
श्रम विभाग ने सभी कलेक्टर्स और श्रम अधिकारियों को निर्देश दिये है कि भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड बनाये जायें। आयुष्मान भारत योजना के तहत हितग्राही के परिवार को एक वर्ष में 5 लाख रूपये तक के निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है। आयुष्मान योजना के हितग्राहियों में भवन संनिर्माण कार्य में लगे श्रमिक भी पात्रता रखते हैं। सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों नगरीय निकायों को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र में पंजीबद्ध श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड तैयार कराएं।
राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान अब 27 फरवरी से
राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान 27 फरवरी 2022 से आयोजित होगा। अभियान के दूसरे-तीसरे दिन बच्चों को घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाई जाती है।
छात्रवृत्ति के लिए स्वयं का प्रोफाइल पंजीकरण जरूरी
पिछडा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु संचालित मध्यप्रदेश छात्रवृति पोर्टल 2.0 पर शैक्षणिक सत्र 2021-22 के विद्यार्थियो के लिये ऑनलाईन छात्रवृति आवेदन करने हेतु निकट भविष्य में निर्माणाधीन नए एमपीटास सॉफ्टवेयर के माध्यम से लाभ प्राप्त करने हेतु विद्यार्थियो को स्वयं का प्रोफाईल पंजीकरण होना आवश्यक होगा। विद्यार्थी अपना प्रोफाईल पंजीकरण हेतु आधार कार्ड (आधार कार्ड में पूर्ण डाटा यथा सही नाम पूर्ण जन्म दिनांक प्रारूप में, आधार से मो. नंबर लिंक यथा संभव डिजीटल जाति प्रमाण पत्र, समग्र परिवार आईडी एवं समग्र सदस्य आईडी, विद्यार्थी के छात्रवृति आवेदन मे दर्ज बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक हो, समग्र डाटावेस में विद्यार्थी के परिवार मुखिया से संबंध, लिंग, पूर्ण जन्म दिनांक प्रारूप में, जाति- उपजाति, माता-पिता का नाम आदि अद्यतन होना आवश्यक है।
महालेखाकार कार्यालय एसएमएस के माध्यम से अधिकारी - कर्मचारियों को देगा जानकारी
महालेखाकार ग्वालियर द्वारा एसएमएस सुविधा शुरू की जा रही है। इस व्यवस्था में अधिकारी-कर्मचारियों को महालेखाकार की ओर से आवश्यक जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। प्रधान महालेखाकार ने बताया कि राज्य शासन के ऐसे समस्त अधिकारी-कर्मचारी, जो सामान्य भविष्य निधि की पात्रता रखते हैं, उनसे मोबाइल नम्बर, ई-मेल आई.डी. और सामान्य भविष्य निधि खाते की जानकारी चाही है। उन्होंने बताया कि जानकारी उपलब्ध हो जाने पर महालेखाकार कार्यालय द्वारा एसएमएस सुविधा का लाभ अधिकारी-कर्मचारियों को मिलने लगेगा।
मदरसा बोर्ड के परीक्षा फार्म जमा करने की प्रक्रिया जारी
एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर अधिकृत अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से भरे जा रहे हैं। आवेदन में संशोधन 30 मार्च 2022 तक कर सकेंगे। आवेदन की हार्डकॉपी, मूल अंकसूची इत्यादि 8 अप्रैल 2022 तक भेजना अनिवार्य है। विद्यार्थियों को आवेदन करने के लिये अधिकृत अध्ययन केन्द्र से सम्पर्क करना होगा, जिसकी सूची कार्यालय मदरसा बोर्ड के सूचना पटल एवं एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है। परीक्षाओं का आयोजन कोविड गाइडलाइन एवं राज्य ओपन बोर्ड के निर्णय, टाइम टेबिल अनुसार होगा। सचिव मदरसा बोर्ड भोपाल ने बताया कि उर्दू एजुकेशन बोर्ड एवं मदरसा बोर्ड दो अलग-अलग संस्थाएं हैं, इनका आपस में कोई संबंध नहीं है। म.प्र. मदरसा बोर्ड म.प्र. शासन द्वारा स्थापित बोर्ड है। उर्दू एजुकेशन बोर्ड नई दिल्ली में स्थित है। संज्ञान में आया है कि कई छात्र एवं अभिभावक उर्दू एजुकेशन बोर्ड को म.प्र. मदरसा बोर्ड समझकर मिलते-जुलते नाम से भ्रमित होकर उर्दू एजुकेशन बोर्ड से आवेदन कर देते हैं।
स्वीकृत राशन से कम राशन मिलने पर सीएम हेल्पलाइन 181 पर करें शिकायत
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जिले के ऐसे उपभोक्ता, जिन्हें एकमुश्त राशन मिल रहा है। उन उपभोक्ताओं को पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाने पर दिये गये राशन की समस्त जानकारी दी जाती है। उचित मूल्य दुकान संचालक-विक्रेता द्वारा यदि किसी उपभोक्ता को स्वीकृत राशन से कम राशन वितरित किया जाता है, तो उपभोक्ता सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत कर सकते हैं। उपभोक्ता स्वीकृत राशन की जानकारी कई तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता प्राप्त राशन की जानकारी पीओएस मशीन से जनरेट होने वाली पावती पर्ची से पावती प्रत्येक पीडीएस शॉप कीपर को उपभोक्ता को अनिवार्य रूप से देनी चाहिये प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर प्राप्त होने वाले एसएमएस के माध्यम से भी राशन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। एसएमएस के माध्यम से राशन की जानकारी प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता अपना मोबाइल नंबर पीओएस मशीन पर अवश्य रजिस्टर्ड कराएं।
उपभोक्ता दिवस पर उत्कृष्ट संस्था एवं व्यक्तियों को किया जाएगा पुरस्कृत
आगामी 15 मार्च को उपभोक्ता दिवस मनाया जाएगा। इस दिन उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को संभाग तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार एक लाख 11 हजार रुपये का, द्वितीय पुरस्कार 51 हजार रुपये का तथा तृतीय पुरस्कार 25 हजार रुपये का दिया जाएगा। इसी तरह संभाग स्तर पर प्रथम पुरस्कार 51 हजार रुपये का, द्वितीय पुरस्कार 21 हजार रुपये का तथा तृतीय पुरस्कार 11 हजार रुपये एवं प्रशिस्त पत्र भी दिया जाएगा। राज्य एवं संभाग स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्था या व्यक्ति की एक जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 के दौरान प्रत्येक माह में की गई गतिविधियों के प्रमाण और विस्तृत विवरण के आधार पर मूल्यांकन कर पुरस्कृत किया जायेगा।
पात्र उपभोक्ता शासकीय उचित मूल्य दुकान से सभी सदस्यों का ई-केवायसी करायें
सावर्जनिक वितरण प्रणाली के तहत शासकीय उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने वाले सभी पात्र उपभोक्ता सभी सदस्यों का ई-केवायसी संबंधित शासकीय उचित मूल्य दुकान से माह फरवरी में ही कराना सुनिश्चित करें। जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी श्रीमती रश्मि साहू ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों को आधार कार्ड की छायाप्रति लेकर शासकीय उचित मूल्य दुकान पर जाना है, दुकान पर उपलब्ध पीओएस मशीन में संबंधित विक्रेता सदस्यों के आधार नंबर अंकित कर सदस्यों का अंगूठा लगाकर सत्यापित करेगा। यह प्रक्रिया केवल एक बार ही होना है। यदि उपभोक्ता माह फरवरी में सभी सदस्यों के आधार अपडेट नहीं करायेंगे तो आगामी माहों में उपभोक्ता के खाद्यान्न सामग्री में कटोत्री हो सकती है। सभी उपभोक्ताओं से अपील है कि वे संबंधित क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्य दुकान पर पहुंचे और अपने आधार नंबर अपडेट करायें।
हांसुआ से कटसारा सड़क के लिए 7 करोड़ की राशि मंजूर कराई - विधायक शशांक भार्गव
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