ग्रामीण क्षेत्रों का सुनियोजित समग्र विकास ही मेरा संकल्प - विधायक शशांक भार्गव
सफलता की कहानी : महिलाओं को बेहतर प्रशिक्षण मिला तो जुड़ी रोजगार से सुनपुरा सहित सात ग्रामों की 400 से अधिक महिलाएं ले रही हैं प्रशिक्षण, रोजगार से जुड़ परिवार का सहयोग करने में सक्षम हुईं महिलाएं
केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा महिलाओं की प्रगति के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिनसे जुड़कर वे रोजगार से ही नहीं जुड़ रही बल्कि अपने परिवार में आर्थिक सहयोग करने में भी सक्षम हुई हैं। ऐसी ही एक योजना का लाभ लेकर विदिशा के ग्राम सुनपुरा की 400 से अधिक महिलाएं रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं और इनमें से कई महिलाएं रोजगार से जुड़कर आमदनी भी प्राप्त कर रही हैं। विदिशा के उदयगिरी स्थित ग्राम सुनपुरा में 410 महिलाओं का एक समूह मिनिस्ट्री आॅफ एमएसएमई भारत सरकार के सहयोग से सामान्य सुविधा केन्द्र स्ट्रिचिंग एवं एम्ब्राइडरी क्लस्टर द्वारा संचालित किए जा रहे सेंटर पर सिलाई, बुनाई, कढ़ाई कर सफल हो रही हैं। इस सेंटर में सुनपुरा ग्राम के आसपास के क्षेत्रों की महिलाएं यहां पर हर रोज प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। सेंटर की को-आॅर्डिनेटर असमां खांन ने बताया कि यह सेंटर पिछले दो-तीन वर्षों से संचालित किया जा रहा है। यहां पर उदयगिरी, ग्रंट, माधवपुरा, विघन, वैस, दुर्जनपुर, गणेशपुरा और करैया इन सातों ग्राम की महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्ति के लिए हर रोज आ रही हैं। संस्थान के द्वारा संबंधित क्षेत्रों की महिलाओं के अलावा अन्य के लिए भी मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया जा रहा हैं। मास्टर्स ट्रेनर्स भोपाल से हायर किए जाते हैं जो स्ट्रिचिंग एवं एम्ब्राइडरी क्लस्टर के सुगम उपायों से प्रशिक्षि कर रहे हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली कई महिलाएं यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत रोजगार से भी जुड़कर अपने घर परिवार की जीविका उपार्जन में सहभागिता निभा रही हैं। संस्थान का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही श्रीमती पुष्पा यादव ने बताया कि अपने ग्राम में ज्ञानप्रद शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति की महिलाएं इस सेंटर में प्रशिक्षण लेने के साथ-साथ वस्त्र से संबंधित वस्तुओं का निर्माण करती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा पर्दे, कढ़ाई-बुनाई कर डिजाइन वाले पर्दों के अलावा अन्य वस्तुओं का निर्माण कर विक्रय किया जाता है जिससे उनको आमदनी भी होती है। सेंटर की को-ऑर्डिनेटर असमा खान ने बताया कि महिलाओं को सेंटर में हर सुविधा दी जाती है। इसके अलावा उन्हें सेंटर में ट्रेनिंग लेने के उपरांत राशि भी प्रदाय की जाती है। उन्होंने बताया कि समूह के कई महिलाओं ने इस सेंटर से प्रशिक्षण लेने के बाद अपना स्वयं का रोजगार भी स्थापित कर लिया है। इस सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं ने प्रशिक्षणार्थियों का मनोबल बढ़ाया है साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले मास्र्टर्स ट्रेनरों के मधुर व्यवहार, कुशल प्रशिक्षण से अभिभूत हो रही हैं।
सफलता की कहानी हितग्राही की जुबानी : उद्यान की फसलों में दुगने मुनाफे को पार किया
कृषि क्षेत्र में अब पुरुषों का ही एकाधिकार नहीं है यह कर दिखाया है विदिशा विकासखंड के ग्राम दौलतपुरा की श्रीमती छोटी बाई यादव ने परंपरागत खेती की जगह उन्होंने उघानिकी की फसलों का दामन पकड़ा और दुगने मुनाफे की राह साबित हुई है। यह कहना है, महिला कृषक श्रीमती छोटी बाई यादव का। उद्यानिकी विभाग के अमले द्वारा संपर्क कर उन्हें उद्यान की फसलों के लिए भी प्रेरित किया। उनका रुझान भी इस ओर बढ़ा और वर्ष 2019-20 में कृषि फसलों के साथ-साथ उन्होंने एक हेक्टेयर भूमि में उद्यानिकी फसलों की खेती लेने का निश्चय किया। विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर प्रोत्साहित कर मार्गदर्शन देते रहे। साथ-साथ विभाग की योजनाएं सब्जी मसाला क्षेत्र विस्तार ड्रिप स्थापना एवं मल्चिंग योजना का लाभ सह अनुदान सहायता पर मुहैया कराया गया। उद्यानिकी फसलों का उत्पादन लेने के बाद महिला कृषक छोटी बाई यादव के मुनाफे के रास्ते खुले अब उन्हें हर रोज आमदनी हो रही है। उनका कहना है कि गेहूं, चना, मसूर में एक बार मंडी जाओ उसके बाद साल भर के लिए पैसा नहीं मिलता पर टमाटर मिर्च से हर रोज रुपए मिल रहे हैं। महिला कृषक श्रीमती छोटी बाई यादव का कहना है कि 5 बीघा खेत को उन्होंने तीन हिस्सों में बांटकर वर्षभर टमाटर का उत्पादन लेने का मन बनाया। इस कार्य में विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन, मदद व प्रोत्साहित किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप 1 वर्ष बाद ही मुझे टमाटरों का 600 से 700 क्विंटल उत्पादन होने पर 7 से 8 लाख का बंेचा। सभी खर्चे काटने के बाद 5से 6 लाख का मुनाफा हुआ है। वर्तमान में भी महिला कृषक के द्वारा टमाटर की खेती की जा रही है। उनका कहना है कि टमाटर की बिक्री साल भर होती है और सुगमता से उत्पादन हो जाता है। महिला कृषक से प्रेरित होकर संपूर्ण दौलतपुरा गांव अब उद्यान की फसलों की ओर अग्रसर हो रहा है।
सफलता की कहानी : विमला ने आत्मनिर्भर बनकर निभाई परिवार की जिम्मेदारी
बचपन से ही संर्घर्षों के बीच पली-बढ़ी महिला विमला अहिरवार पति स्व. श्री शिवराज अहिरवार ने एक मिसाल कायम कर दिखाई है। पति के स्वर्गवास होने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों का भरण पोषण करने में पिता की कमी नहीं होने दी है। स्वास्थ्य रूप से कमजोर बच्चों के शारीरिक विकास की देखरेख हेतु उन्हें जिस स्तर पर जानकारी मिली। उसका लाभ प्राप्त कर अपने बच्चों को स्वस्थ रखा है। योजना से लाभांवित होने वाली श्रीमती विमला अहिरवार ने बताया कि पति के स्वर्गवास के बाद उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई थी। श्रीमति अहिरवार ने अपने तीन बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी का पालन पिता के अनुरूप किया है। वह स्वयं ही अपने परिवार के पालन पोषण के लिए परिश्रम करने लगीं। श्रीमती विमला ने स्वयं ही मेहनत कर अपने प्रयासों से मिट्टी का घर बनाया और अपने व बच्चों के सिर पर छत तैयार कर अपनी हिम्मत और साहस का परिचय दिया। अब वह मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं। श्रीमती विमला के तीन बच्चे हैं जिसमें से एक बच्ची आंगनबाड़ी से निकलकर स्कूल में पढ़ रही है। जबकि सबसे छोटी बच्ची कुपोषित थी जिसे 14 दिन तक बासौदा के एनआरसी वार्ड में भर्ती कराया गया जो अब पूर्ण स्वस्थ हैं। शासन की समय पर मिली मदद से श्रीमती विमला अहिरवार के बच्चों स्वस्थ्य ही नहीं हुए बल्कि मां की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं।
मुख्यमंत्री जी आज विदिशा आएंगे
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान पांच मार्च शनिवार को विदिशा आएंगे। मुख्यमंत्री जी का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार शनिवार पांच मार्च की दोपहर 3.30 बजे हेलिकॉप्टर से विदिशा पहुंचेंगे और यहां स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री जी सांय साढ़े 4 बजे हेलिकॉप्टर द्वारा विदिशा से भोपाल के लिए रवाना होंगे।
गृह मंत्री ने शोकाकुल परिवार से भेंट कर शोक संवदेनाएं व्यक्त कीं
प्रदेश के गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि विधायी कार्य विभाग के मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का आज शुक्रवार सांय विदिशा आगमन हुआ। गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने समाजसेवी स्व. श्री मोहनबाबू अग्रवाल के निधन होने पर उनके घर पहुंचकर परिजनों से भेंट कर शोक संवदेनाएं व्यक्त करने के साथ ही स्व. श्री अग्रवाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी।
पौधरोपण महाअभियान, कन्या महाविद्यालय में वृहद स्तर पर किया पौधरोपण
पंजीयन के अवधि बढ़ी, अब 10 तक कृषकबंधु पंजीयन करा सकेंगे
रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु किसानों के पंजीयन की अवधि में वृद्धि हुई है कि जानकारी देते हुए कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने बताया कि पूर्व में पंजीयन की अंतिम तिथि पांच मार्च नियत की गई थी जिसमें वृद्धि की गई है। शेष कृषकबंधु विक्रय हेतु पंजीयन अब दस मार्च तक करा सकेंगे। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने किसानों के उपार्जन पंजीयन में की गई वृद्धि अनुसार नियत अंतिम तिथि दस मार्च तक ऐसे कृषकबंधु जिनके द्वारा अब तक पंजीयन नहीं कराया गया है को शासन की उपरोक्त सुविधा लाभ प्रदाय कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने अब बढ़ी हुई अवधि की जानकारी कृषकों तक हर स्तर पर प्रचार प्रसार करने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए हैं।
सीएमएचओ का प्रभार डाॅ उपाध्याय को
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का प्रभार डॉ एके उपाध्याय को आगामी आदेश पर्यन्त तक सौंपा गया है। जारी आदेश में उल्लेख है कि पूर्व में उक्त प्रभार केएम गोयल को सौंपा गया था के स्थान पर अब डाॅ एके उपाध्याय को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया है। सीएमएचओ डॉ उपाध्याय से आमजन उनके मोबाइल नंबर 9131449635 पर संपर्क कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्राप्त कर समस्याओं से अवगत करा सकते हैं।
अन्नोत्सव सोमवार को
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने बताया कि 7 मार्च को पीडीएस की दुकान पर अन्नोत्सव का आयोजन होगा। इस दिन शत-प्रतिशत लोगों को अन्न उपलब्ध हो। इसकी तैयारियां नोडल अधिकारी पहले से ही दुकानों पर पहुंचकर स्टॉक आदि की जानकारी सुनिश्चित कर ली जाए।
मदिरा दुकानों का नवीनीकरण निष्पादन
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में शुक्रवार चार मार्च को जिला निष्पादन समिति द्वारा जिले के 22 में से 20 मदिरा समूहों का नवीनीकरण के माध्यम से निष्पादन किया गया। जिला आबकारी अधिकारी श्री शैलेष जैन ने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए विदिशा जिले के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य 242,73,80,288 के विरुद्ध 19 मदिरा समूहों में नवीनीकरण से तथा एक मदिरा समूह पर प्राप्त लाॅटरी आवेदन के माध्यम से 214,57,28,640 का आरक्षित मूल्य प्राप्त हुआ जो जिले के कुल आरक्षित मूल्य का 88.39 प्रतिशत है। शेष दो समूह सिरोंज एवं लटेरी कुल आरक्षित मूल्य 28,16,51,648 का निष्पादन अब ई-टेंडर के माध्यम से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप क्रियान्वित किया जाएगा।
उपार्जन कार्य सुव्यवस्थित शिकायत रहित सम्पादित करें- कलेक्टर
- 25 मार्च से प्रारंभ होगा उपार्जन कार्य
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले में रबी उपार्जन को सम्पादित करने वाले अमले को संयुक्त रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समुचित उपार्जन कार्य सुव्यवस्थित रूप से शिकायत रहित संपादित हो के पुख्ता प्रबंध हर स्तर पर सुनिश्चित कराए जाएं। श्री भार्गव ने कहा कि उपार्जन कार्य के क्रियान्वयन हेतु संलग्न समस्त विभागों के सम्मिलित प्रयासों से हम हर स्तर की समस्या का समाधान कर किसानों के हितों में शासन की मंशा अनुरूप समर्थन मूल्य पर क्रय कार्य संपादित कराएं। कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले कृषकबंधुओं को किसी भी प्रकार की आसुविधा ना हो यह हम सबका नैतिक दायित्व होना चाहिए। किसानों के लिए छाया, पानी के अलावा अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं की तैयारियां उपार्जन कार्यों से पहले पूरी कर ली जाएं के निर्देश उन्होंने दिए हैं। कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि जिले में चने का शत-प्रतिशत उपार्जन कार्य गौदाम स्तरों पर ही सम्पादित किया जाए। इसके लिए मैपिंग कार्य के उपरांत समुचित जानकारी से अवगत कराने के निर्देश उन्होंने संबंधितों को दिए हैं। प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर कार्यों के सुव्यवस्थित रूप से संपादन हेतु किए जाने वाले प्रबंधों के सबंध में भी उनके द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया है जिसमें उपार्जन केन्द्र पर तुलावट, हम्माली, बारदानों की उपलब्धता, वेयर हाउसों में परिवहन कार्य, किसानों को समय पर भुगतान हो, समितियों के पूर्व लंबित भुगतान, फसलों की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु नियुक्त किए जाने वाले सर्वेयर दल, तैवड़ा रहित अनाज तुलावट, गेहूं, चना, मसूर का समर्थन मूल्य इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर शासन के मापदण्ड अनुसार तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने नियत स्थलों पर उपार्जन संबंधी जानकारियां, फ्लेक्स के माध्यम से प्रदर्शित की जाए। कलेक्टर श्री भार्गव ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन कार्य जिले में 25 मार्च से शुरू होगा जो 15 मई तक जारी रहेगा। शासन द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रूपये प्रति क्विंटल, चना 5230 रूपये प्रति क्विंटल, मसूर 5500 रूपये तथा सरसौं का समर्थन मूल्य 5050 रूपये घोषित किया गया है। जिले में शुक्रवार चार मार्च तक 84 हजार से अधिक किसानों के द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है। रबी उपार्जन वर्ष 2022-23 के लिए कुल 200 उपार्जन केन्द्र प्रस्तावित किए गए हैं। गोदाम स्तरीय केन्द्रों की कुल संख्या 150 है। उपार्जन प्रक्रिया प्रोसेस फ्लो के तहत बिन्दुवार सम्पादित होने वाले कार्यों की भी विस्तृत जानकारी उनके द्वारा दी गई है। एसएटीआई कैलाश सत्यार्थी सभागृह में उपार्जन संबंधी कार्यों की मूलभूत अवधारणाओं से अवगत कराकर समिति प्रबंधकों की समस्याओं से अवगत उपरांत समाधान किया गया है। उपरोक्त बैठक में समिति प्रबंधक, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकार, नागरिक आपूर्ति निगम के समुचित प्रदाय केन्द्र प्रभारी, वेयर हाउस काॅर्पोरेशन के सभी शाखा प्रबंधक, नापतौल निरीक्षक, कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, सहकारिता के अधिकारी, कर्मचारी, काॅपरेटिव बैंक के सीईओ श्री विनय प्रकाशसिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती रश्मि साहू मौजूद रहीं।
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