- जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के कार्यान्वयन में शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री विस्तार से चर्चा करेंगे
- 'हर घर जल' योजना में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि वे इसमें प्राथमिक हितधारक हैं: श्री गजेंद्र सिंह शेखावत
- बिहार का 'हर घर जल' का लक्ष्य 2022 का है, उसके बाद 2023 में छत्तीसगढ़ और मिजोरम और 2024 में झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल इसे प्राप्त करेंगे
नई दिल्ली, जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत हुई प्रगति की समीक्षा के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और 6 राज्यों के मंत्रियों के साथ एक रीजनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे। कॉन्फ्रेंस 9 मार्च, 2022 को कोलकाता में आयोजित की जाएगी। बैठक में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राज्य के मंत्रियों के साथ-साथ ग्रामीण जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस कॉन्फ्रेंस के बारे में बात करते हुए कहा, "महिलाओं की 'हर घर जल' योजना में एक महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि वे ही प्राथमिक हितधारक हैं और इस योजना की शुरुआत से ही इसमें शामिल हैं। वे योजना, निगरानी का हिस्सा हैं और समय-समय पर पानी की गुणवत्ता परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षण भी प्राप्त करती हैं। यह महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके कठिन परिश्रम को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान सरकार विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए 'जीवन की सुगमता' सुनिश्चित करने का कार्य करती है ताकि शहरी-ग्रामीण विभाजन को खत्म किया जा सके।" जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के कार्यान्वयन में जिन मुद्दों और चुनौतियों का सामना किया जा रहा है, उन पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मिजोरम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे। 'हर घर जल' भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (जेजेएम) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 तक देश के हर ग्रामीण घर में नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसमें शामिल होने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने 2021 में अपने सभी ग्रामीण परिवारों को 100 फीसदी कवरेज प्रदान कर दी है। बिहार का लक्ष्य है 2022 में 'हर घर जल' बनने का है, उसके बाद 2023 में छत्तीसगढ़ और मिजोरम और 2024 में झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल भी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण भी केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसे 2014 में शुरू किया गया था। जिन जिलों ने 2 अक्टूबर 2019 को खुद को 'खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ)' घोषित किया था, वहां वर्तमान में एसबीएम (जी) के दूसरे चरण को विभाग द्वारा लागू किया जा रहा है। जल शक्ति मंत्रालय का पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) इन गांवों में ओडीएफ स्टेटस को बनाए रखने और सॉलिड एंड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (एसएलडब्ल्यूएम) सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि गांव ओडीएफ से ओडीएफ प्लस की ओर बढ़ सकें। जल शक्ति मंत्रालय के डीडीडब्ल्यूएस की सचिव विनी महाजन कॉन्फ्रेंस का एजेंडा तय करेंगी। वह विशेष रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रेरित करेंगी। भाग लेने वाले राज्यों में जल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आवास, एस्पिरेशनल और जेई/एईएस प्रभावित जिलों में कार्यान्वयन में तेजी लाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान जल स्रोतों की स्थिरता, जेजेएम के तहत विकसित बुनियादी ढांचे और एसबीएम(जी) के तहत निर्मित व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) पर भी चर्चा की जाएगी। श्री अरुण बरोका, एएस और एमडी (जेजेएम और एसबीएम-जी), की गई प्रगति, सामने आई चुनौतियों और आगे की राह पर एक विस्तृत प्रजेंटेशन देंगे। श्री बरोका कार्यक्रम कार्यान्वयन की गति पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि राज्यों द्वारा अपनी वार्षिक कार्य योजना में निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके। रीजनल कॉन्फ्रेंस में ओडीएफ स्थिरता पर चर्चा होगी, इसके अलावा कन्वर्जेंस के तौर-तरीकों को मजबूत करने और एसबीएम-जी के दूसरे चरण के ओडीएफ प्लस तत्वों के कार्यान्वयन में तेजी लाने के प्रयासों पर चर्चा भी शामिल होगी। इस विषय के विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारी 15वें वित्त आयोग की निधि से जल एवं स्वच्छता गतिविधियों को सुनिश्चित करने में ग्रामीण स्थानीय निकायों की भूमिका पर तकनीकी सत्र आयोजित करेंगे। सम्मेलन में ग्रे वॉटर मैनेजमेंट के लिए एक खास सत्र समर्पित है। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने पर एक विशेष सत्र होगा ताकि क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा सके।
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