नई दिल्ली, केन्द्रीय सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ऑल-इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए) के सहयोग से नई दिल्ली में 4 से 5 मार्च, 2022 तक प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन पर आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। एमएसएमई मंत्रालय ने पूरे देश में, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों में युवाओं के मध्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए दो विशेष पहल ‘संभव’ और ‘स्वावलंबन’ की भी शुरुआत की। इस मेगा अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में ‘‘अपने कचरे को जानें और रीसाइक्लिंग करना कैसे सही काम है एवं इसे सही तरीके से कैसे किया जाए’’ के बारे में जोर दिया जाएगा। नई दिल्ली में आयोजित हो रहा यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन प्लास्टिक में चुनौतियों और अवसरों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए सरकार और उद्योग के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित वक्ताओं को एक मंच पर लाएगा। इस शिखर सम्मेलन में पूरे देश से 350 से अधिक एमएसएमई भौतिक रूप से और 1000 से अधिक एमएसएमई वर्चुअली रूप से शामिल होंगे। इसके अलावा, विभिन्न देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी इस मेगा शिखर सम्मेलन में वर्चुअली भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र में बातचीत करते हुए, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि यह मेगा आयोजन हितधारकों और विशेषज्ञों को एमएसएमई के प्रभाव और संभावित समाधान के बारे में विचार-विमर्श करने और स्वच्छ भारत अभियान के विजन में अधिक विश्वास के साथ प्लास्टिक उद्योग और रीसाइक्लिंग क्षेत्र में नए व्यापार अवसरों का सृजन करने के लिए एक साथ लाने वाला प्रभावी मंच है।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह के एक हिस्से के रूप में, एमएसएमई मंत्रालय अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से पूरे देश के 1300 कॉलेजों में 28.02.2022 से 31.03.2022 तक वेबिनार मोड में ‘संभव-राष्ट्रीय स्तर जागरूकता कार्यक्रम (एनएलएपी)’ का आयोजन कर रहा है। इसके अलावा, युवा आबादी में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और मंत्रालय की योजनाओं और इसकी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ‘स्वावलंबन’ नामक एक विशेष अभियान के तहत 46 आकांक्षी जिलों में 200 से अधिक नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर रहा है। इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, एमएसएमई सचिव श्री बी बी स्वैन ने कहा कि प्लास्टिक रीसाइक्लिंग इस उद्योग में नवाचार और स्थिरता की दिशा में एक सबसे महत्वपूर्ण कदम है। प्लास्टिक उद्योग वैश्विक क्षमता और रोजगार के अवसरों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की ‘‘मेक इन इंडिया’’ की सफलता में प्रमुख भूमिका निभाएगा। प्लास्टिक और रीसाइक्लिंग की भूमिका पर जोर देते हुए एआईपीएमए के अध्यक्ष श्री किशोर पी. संपत ने कहा कि एआईपीएमए ने जागरूकता पैदा करने और अपने सदस्यों को विस्तारित उत्पादकों की जिम्मेदारी (ईपीआर) और नई प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नीतियों की गति के अनुसार अपने सदस्यों के स्तर को ऊपर लाने के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों पर विभिन्न राज्यों के एमएसएमई-डीआई के साथ अनेक वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किए हैं। एआईपीएमए की शासी परिषद के अध्यक्ष श्री अरविंद मेहता ने कहा कि एक स्थायी, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन प्लास्टिक को लाभप्रद रूप से प्राप्त करने और उसकी रीसाइक्लिंग करने की क्षमता पर निर्भर करता है। इस क्षेत्र को औपचारिक रूप देने और रीसाइक्लिंग की गुणवत्ता और क्षमता दोनों में व्यापक सुधार करने की अपार संभावनाएं हैं। यह मेगा शिखर सम्मेलन देश में रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में एमएसएमई के लिए अनेक व्यापार अवसरों का सृजन करेगा।
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