छपरा. आज 22 मार्च है विश्व जल दिवस. इस अवसर पर आदर्श लोक कल्याण संस्थान एवं इंडियन हिमालय रिवर बेसिन कौंसिल के संयुक्त तत्वावधान में तेल नदी छपरा ब्रम्हपुत्र केवाड़ा से लेकर सरयू नदी तक पदयात्रा की गई.इस पदयात्रा के दौरान लोगों ने लोगों से संवाद करते माना की सरयू नदी की सहायक , तेल नदी का पुनर्जीवन तथा अतिक्रमण मुक्ति से नदी क्षेत्र के किसानों, श्रमिकों, नदी से जुड़े आजीविका अर्जित करने वाले समूहों के जीवन में समृद्धि आएगी. नदी में पानी नहीं होने पर पदयात्री दल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नदी में हमेशा पानी रहने से आसपास के क्षेत्र का भूगर्भ जल स्तर संतुलित रहेगा वही आम आदमी के जीवन में विविध आयामी खुशहाली का संचार होगा. वही जल के वैश्विक महत्व को समझते हुए यह महसूस किया गया की जल ही जीवन की नैसर्गिक तथा बुनियादी जरूरत है.उपरोक्त संकल्प के आधार पर जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में काम करके हम संभावित विश्व युद्ध की विभीषिका को वैश्विक स्तर पर टाल सकते है. नदियां हमारे सभ्यताओं की जननी है आज तेल नदी सहित तमाम प्रदेश की छोटी सहायक नदियों में पानी नहीं है.बिहार में कहीं बाढ़ है तो कहीं सुखाड़ एवं अकाल. नदी जोड़ो तथा जल जीवन हरियाली जैसे राज्य के प्रकल्प को जब तक समाज अपना प्रकल्प नहीं मानेगी, तब तक राज्य का प्रयास अधूरा सिद्ध होगा.परंपरागत भारतीय ज्ञान के आधार पर राज एवं समाज के बीच कुशल संवाद के माध्यम से ही हम बिहार को बाढ़ एवं सुखाड़ से मुक्ति की कल्पना कर सकते है. पानी जैसे बुनियादी जीवन की जरूरतों का निजीकरण मानवता के खिलाफ है. पदयात्रा के नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कामरेड अरुण ने कहा कि भारतीय परंपरा में पानी की समझ इतनी व्यापक थी की हम एक बूंद पानी भी नष्ट नहीं करते थे ,लेकिन जैसे-जैसे हमने पानी से अपना रिश्ता भोगवादी तथा भौतिकवादी तरीकों के साथ जोड़ते गए वैसे वैसे हम अपने जीवन तथा भावी पीढ़ी के जल का संकट खड़ा कर दिया.जहां एक तरफ निजी जीवन में जल का कम से कम उपयोग तथा जल को संरक्षित करने की जरूरत है वही वर्षा जल संचयन, सोख्ता निर्माण, व्यक्तिगत सामूहिक जीवन में नदियों को प्रदूषित ना करने का संकल्प तथा टप्पन कृषि जैसे माध्यमों का सहयोग करके हम जल संकट से भविष्य की पीढ़ी के संकट से उबार सकते है. उक्त पदयात्रा में महिला नेत्री श्रीमती प्रभावती देवी, श्रीमती इंदु देवी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री मनीष पांडे, सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद यूनुस, श्री दिलीप कुमार यादव श्री नागेंद्र कुमार जी, सामाजिक कार्यकर्ता मोबशीर हुसैन, सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण नौजवान एवं आम लोग पदयात्रा में शामिल हुए. मनोहर मानव ने कहा कि आप सभी उपरोक्त पदयात्रा में किसी न किसी रूप में सहभागिता सुनिश्चित किए इसके लिए आपका आभारी रहूंगा है.
मंगलवार, 22 मार्च 2022
नदी से जुड़े आजीविका अर्जित करने वाले समूहों के जीवन में आएगी समृद्धि
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