बिहार : नेशनल वाटर अवार्ड, महामहिम राष्ट्रपति से गया जिला को हुआ प्राप्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 29 मार्च 2022

बिहार : नेशनल वाटर अवार्ड, महामहिम राष्ट्रपति से गया जिला को हुआ प्राप्त

● जल जीवन हरियाली अभियान से मिला गया जिला को राष्ट्रीय पहचान

● मुख्यमंत्री बिहार के नेतृत्व में जल जीवन हरियाली योजना के तहत किया गया है कार्य

● नेशनल वाटर अवार्ड के लिए बेस्ट विलेज पंचायत ईस्ट जोन के तहत नीमचक बथानी अनुमंडल के तेलारी पंचायत का हुआ था चयन

गया.

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देश के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा आज गया जिला को नेशनल वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया है. दिल्ली के विज्ञान भवन में नेशनल वाटर अवार्ड से महामहिम राष्ट्रपति द्वारा गया के जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम को सम्मानित किया गया. आज का दिन पूरे गया जिला के लिए गौरव का दिन है. जिला पदाधिकारी, गया ने बताया कि गया जिला के सुदूरवर्ती नीमचक बथानी प्रखंड के तेलारी पंचायत, जो जिला मुख्यालय से लगभग 42 किलोमीटर दूर अवस्थित है.पहाड़ी एवं सूखा क्षेत्र होने के कारण इस पंचायत में जल संरचना की उपलब्धि एक कठिन प्रक्रिया से होकर गुजरी है. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत लगभग 10 महीने के समय में इस परियोजना का निर्माण पूर्ण किया गया है. इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 95 एकड़ पहाड़ पर होने वाली वर्षा जल के संचयन, भूगर्भ जल को समृद्ध करने तथा हरित आवरण को विस्तारित करने की जो उपलब्धि हासिल की गई, वह पूरे देश में एक क्रांतिकारी उपलब्धि के रूप में चिन्हित किया गया जो बिहार ही नहीं पूरे देश के लिए एक मिसाल है. इस कड़ी में ग्रामीण विकास विभाग, नई दिल्ली, भारत द्वारा भी इस परियोजना को विशेष पहचान मिली है. इस परियोजना में मुख्य रूप से जल निकासी सारणी, जल संरचना टैंक, रिचार्ज बोरवेल, रि-यूज वाटर टैंक, रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग, तालाब की खुदाई, पौधारोपण, चेक डैम निर्माण सहित अन्य अवयव शामिल है. परियोजना की उपलब्धियों में मुख्य रूप से भूगर्भ जल स्तर में लगभग 22 फीट का वृद्धि हुआ है, जो काफी लाभदायक है.इस पंचायत के अंतर्गत सभी चापाकल एवं बोरिंग जो भीषण गर्मी में सक्रिय रूप से कार्य किया है. इस परियोजना के तहत जल की हर एक बूंद का संचयन, निष्पादन एवं विस्तारण हुआ है.हरित आवरण का विकास काफी प्रभावशाली रूप में हुआ है. सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरे वर्ष भर खेती के लिए जल की उपलब्धता रह रही है. इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से यह सुनिश्चित किया गया है कि ऐसी परियोजना किसी भी पहाड़ी एवं सूखा क्षेत्र में क्रियान्वित कर उस क्षेत्र का विकास किया जा सकता है एवं भविष्य में विषमताओं को खत्म या कम किया जा सकता है. जिला पदाधिकारी ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के नेतृत्व में संचालित जल जीवन हरियाली अभियान काफी लाभदायक सिद्ध हुआ है.जल जीवन हरियाली योजना आने से गया जिला में सुखाड़ एवं पानी की समस्या को काफी हद तक दूर किया गया है.जल जीवन हरियाली योजना के कारण ही पूरे गया जिला में भूगर्भ जल स्तर में काफी सुधार आया है.जल जीवन हरियाली योजना के तहत गया जिले में 80 लाख 69 हजार पौधारोपण अब तक किया गया है.कुल 3,642 सार्वजनिक जल संरचनाओं यथा तालाब, पोखर, आहर, पइन का जीर्णोद्धार किया गया हैं. कुल 532 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कार्य किया गया हैं. सार्वजनिक कुआं चापाकल के समीप 5326 सोख्ता संरचना निर्माण किया गया है. छोटी-छोटी नदियों नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण के लिए 200 संरचनाओं का निर्माण किया गया है.जल की कमी वाले क्षेत्रों में नए जल स्रोतों का 440 संरचना सृजित किया गया है.रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 416 संरचना का निर्माण किया गया है तथा सौर ऊर्जा का उपयोग एवं ऊर्जा की बचत हेतु 39 संस्थानों में सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया है. सम्मान समारोह में जिला पदाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, गया श्री सुमन कुमार, तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी, नीमचक बथानी श्री नीरज त्रिवेदी शामिल थे. गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा भी सुखाड़ और पानी की समस्या का समाधान करने की दिशा में काम किया गया है.कई पंचायतों में रि-यूज वाटर टैंक, रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य किया गया.

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