मधुबनी , जिला पदाधिकारी, मधुबनी जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से कोविड प्रतिरक्षण योजना की समीक्षा को लेकर गूगल मीट के माध्यम से समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष से मुखातिब हुए। बताते चलें कि 31 मार्च 2022 से समूचे जिले के मिडिल स्कूलों को कोरोना वैक्विनेशन के मेगा ड्राइव के दौरान वैक्विनेशन प्वाइंट बनाया गया है। ऑनलाइन आहूत उक्त समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि जिले में 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों को कोरोना जैसी भयानक महामारी से प्रतिरक्षित करने के लिए मेगा वैक्सिनेशन ड्राइव चलाकर उक्त आयुवर्ग के सभी बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। इस अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, जीविका और बाल विकास परियोजना से जुड़े सभी लोगों की भूमिका को जिलाधिकारी द्वारा रेखांकित किया गया।
जिलाधिकारी ने कोरोना वैक्विनेशन मेगा ड्राइव को सफल बनाने के लिए उक्त सभी विभागों में आपसी समन्वय और इक्षा शक्ति प्रकट करने पर बल दिया। इसके लिए सभी संबंधितों के बीच माइक्रोप्लान का ससमय वितरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधुबनी को निर्देश दिया कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से सभी वैक्सिनेशन प्वाइंट की जानकारी दो दिन पूर्व विद्यालय स्तर तक पंहुचाई जाए। सभी विद्यालय एक दिन पहले तक अपने अपने पोषक क्षेत्र में वैक्सिनेशन की जानकारी अवश्य प्रचारित करें। जिलाधिकारी ने जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पूरे अभियान के दौरान वे इस बात का जायजा लेते रहें कि विद्यालय समय से खुलें और प्रतिरक्षण दल समय से प्रतिरक्षण स्थल पर पंहुचें। उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय पर सभी योग्य बच्चों का प्रतिरक्षण एक दिन में पूर्ण न हुआ हो तो अगले दिन भी वहां प्रतिरक्षण दल भेजा जाए। आवश्यकतानुसार विद्यालय से इतर भी वैक्विनेशन प्वाइंट बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सरकारी विद्यालयों के साथ साथ निजी विद्यालयों की भूमिका भी बेहद अहम है। जिलाधिकारी द्वारा प्रतिरक्षण कार्य की सफलता के लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को टास्क फोर्स की बैठक आहूत करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले सात दिनों की कार्य योजना बनाकर उसपर अमल किया जाए। यह उल्लेखनीय है कि वैक्सिनेशन के लिए सभी 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चे योग्य माने जाएंगे। इसके लिए विद्यालय में नामांकित होना आवश्यक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जनहित में चलाया जा रहा है और कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए सभी लोगों का प्रतिरक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी के समेकित प्रयास से जिले में 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों के बीच कोरोना प्रतिरक्षण का ग्राफ तेजी से ऊपर जाएगा और अनमोल जीवन की रक्षा के लिए जिला प्रशासन, मधुबनी की यह मुहिम सफल होगी। ऑनलाइन आहूत इस बैठक में श्री सुनील कुमार झा, सिविल सर्जन, मधुबनी,श्री आर. के. सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शैलेंद्र कुमार विश्वकर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, मधुबनी के साथ साथ जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शामिल हुए।
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