पटना. 17वीं बिहार चुनाव 2020 में रक्सौल विधानसभा सीट से महागठबंधन उम्मीदवार कांग्रेस के रामबाबू यादव थे.रक्सौल विधानसभा सीट बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का हिस्सा है. इस सीट पर अब तक कुल 16 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा 8 बार कांग्रेस, 5 बार भाजपा और दो बार जनता दल के प्रत्याशी विधायक चुने जा चुके हैं.इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यादव और मुस्लिम वोटर अहम भूमिका में बताए जा रहे हैं, जबकि कोइरी, ब्राह्मण, राजपूत, कोइरी वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है. रक्सौल विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी रामबाबू यादव ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने मनरेगा, संपूर्ण स्वच्छता अभियान, खाद्य सुरक्षा योजना , राजीव गांधी विद्युतीकरण तमाम सारी योजनाएं चलाई. कांग्रेस की योजनाओं को ही बीजेपी सरकार भूना रही है. नई योजना नहीं आई है, जो योजना आयी. नोटबंदी और जीएसटी जिससे आम जनता सहित व्यापारी वर्ग सभी लोग देश की जनता भुखमरी की कगार पर पहुंच गई है.यही हाल प्रदेश सरकार की है.प्रदेश का हर वर्ग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. अब अच्छे दिनों की शुरुआत के बजाय उल्टी गिनती शुरू हो गई है. रक्सौल सीमा पर शराबबंदी कानून नीतीश सरकार का फेल है. उन्होंने कहा कि झूठे वादों का खेल, प्रधानमंत्री द्वारा चल रहा है.इतनी जनवकालत करने वाले रामबाबू यादव 17वीं बिहार विधानसभा के लिए चुने नहीं गये.जनता ने उनको नकार दिया. वहीं जनता ने रक्सौल विधानसभा के लिए बीजेपी के प्रमोद कुमार सिन्हा को भारी मतों से विजयी बना दिये.बीजेपी ने बाजी मार ली. इस बीच बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अनुशासन समिति के अध्यक्ष कृपा नाथ पाठक ने रामबाबू यादव, पूर्व प्रत्याशी 10--रक्सौल के दल विरोधी कार्य में लिप्त रहने के लिखित शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पार्टी से छः वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है.इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि राम बाबू यादव के विरूद्ध जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र कुमार शुक्ल एवं अन्य लोगों से पार्टी विरोधी कार्य करने की शिकायत प्राप्त हुई है.इसी के कारण अनुशासन समिति ने कार्यवाही की है.
गुरुवार, 31 मार्च 2022
बिहार : रक्सौल विधानसभा के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी रामबाबू यादव पार्टी से निष्कासित
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