बता दें कि, इससे पहले 2020 में इस सीट पर मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी से मुसाफिर पासवान यहां से चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार वीआईपी से भाजपा ने सीट छीन ली और भाजपा ने बेबी कुमारी को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन इसके बाबजूद सहनी ने भी यहां से अपना उम्मीदवार उतारा है। डॉ गीता कुमारी को मुकेश सहनी ने उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ, सोमवार को दिन भर चले उठापटक के बाद दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान ने अंतिम मौके पर मुकेश सहनी को झटका देते हुए राजद का दामन थाम लिया। वहीं, राजद ने भी मौके के नजाकत को समझते हुए बोचहां में लालटेन जलाने के लिए मैदान में उतार दिया है। वहीं राजद से टिकट न मिलने पर नाराज रमई राम ने मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी का दामन थाम लिया। 1980 से 2015 तक बोचहां से विधायक रहे रमई राम की बेटी डॉ गीता कुमारी को मुकेश सहनी ने उम्मीदवार बनाया है। वहीं, राजद द्वारा अमर पासवान को यहां से उम्मीदवार बनाने से भाजपा के लिए चिंता थोड़ी बढ़ गई है। इसलिए पासवान वोटरों को साधने के लिए अजय निषाद ने चिराग पासवान से मुलाकात की है। ऐसे में अगर बोचहां में पासवान जाति के वोटर भाजपा के लिए गोलबंद होते हैं तो इससे बेबी कुमारी की राह आसान हो जाएगी। साथ ही राजद ने जिस यादव-मुस्लिम और पासवान गठजोड़ के हिसाब से अमर पासवान को टिकट दिया है उसमें भी सेंधमारी होगी। बता दें कि, बोचहां सीट को लेकर अजय निषाद भाजपा में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं। अजय निषाद की जिद्द थी कि बोचहां सीट पर हर हाल में भाजपा अपना उम्मीदवार उतारे, यह सीट भाजपा जीत जाएगी। इसलिए मैदान फतेह करने के लिए अजय निषाद अलग-अलग नेताओं से मिल रहे हैं।
पटना : बोचहां विधानसभा उपचुनाव बिहार के तमाम राजनीतिक दलों के लिए आन – बान और शान की लड़ाई बन गई है।पहले इस सीट पर एनडीए के अंदर उठा – पटक देखने को मिला। एनडीए में भाजपा यहां से अपना उम्मीदवार उतरना चाहती थी तो मुकेश सहनी भी अपनी पार्टी से दावेदारी पेश कर रहे थे लेकीन जीत भाजपा की हुई हालांकि वीआईपी ने भी एनडीए में भाव नहीं मिलने के बाद 21 मार्च को बिना किसी अन्य पार्टी का समर्थन लिए अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है। वहीं, राजद ने वीआईपी से बागी हुए नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है जिससे सहनी के लिए थोड़ी परेशानी बढ़ गई है। वहीं, इन सब चीजों के बीच तीनों ही दल चुनावी जीत हासिल करने के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। विशेषकर तीनों ही राजनीतिक दलों द्वारा जातीय गोलबंदी के लिए जोर आजमाइश शुरू हो गई है। दरअसल, मंगलवार को भाजपा सांसद अजय निषाद ने दिल्ली में लोजपा नेता रामविलास पासवान से मुलाकात की। हालांकि इस मुलाकात के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया लेकिन माना जा रहा है कि बोचहां में पासवान वोटरों पर भाजपा की नजर है। क्योंकि बोचहां विधानसभा में जातीय समीकरण बेहद अहम है। साथ ही इस सीट पर मुस्लिम, यादव और भूमिहार मतदाता भी निर्णायक संख्या में हैं। यहां, दो लाख से अधिक मतदाता पासवान जाति के हैं और इनका समर्थन भाजपा को मिलता है तो यह भाजपा उम्मीदवार की चुनावी जीत तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। बताया जा रहा है कि इन पासवान वोटरों को भाजपा के लिए गोलबंद करने के मकसद से ही अजय निषाद ने चिराग पासवान से मुलाकात की है।
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