इसके अलावा शनिवार को विस में विधायक फंड बढ़ाने की भी मांग उठी। राजद विधायक रामबली यादव ने यह सवाल उठाया। राजद विधायक ने पूछा कि क्या सरकार विधायकों द्वारा अनुशंसित राशि बढ़ाने का विचार रखती है ? अभी विधायक तीन करोड़ की राशि से विकास योजनाओं की अनुशंसा कर सकते हैं। लेकिन यह राशि काफी कम पड़ रही है। अगर हम सभी गांवों पर राशि खर्च करेंगे तो यह राशि प्रति गांव 20 हजार रूपये ही पड़ेगी। ऐसे में सरकार विधायक निधि बढ़ाने पर विचार करे। वहीं, कांग्रेस विधायक अजित शर्मा ने भी निधि बढ़ाने की मांग की।लेकिन सरकार ने विधायक निधि बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं, राजद विधायक ई. शशिभूषण सिंह ने पीएमसीएच की कुव्यवस्था का सवाल उठाया। शशि सिंह ने पूछा कि पीएमसीएच में शनिवार और रविवार को सीनियर डॉक्टर राउंड नहीं लगाते हैं। इस वजह से मरीजों को काफी परेशानी होती है । वहीं, बर्न वार्ड में 55 मरीजों के लिए एक ड्रेसर की व्यवस्था है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जवाब दिया कि अगले वित्तीय वर्ष में व्यवस्था में सुधार को लेकर कोशिश की जायेगी।
पटना : बिहार विधानसभा में शनिवार को सहकारिता विभाग के प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार फंस गये। दरअसल, राजद विधायक समीर महासेठ ने अपार्टमेंट सोसायटी निबंधन को लेकर ध्यानाकर्षण लाया था। जिसपर प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार ने सरकार की तरफ से जवाब दिया। इस दौरान जवाब देते हुए मंत्री जी फंस गये। जिसके बाद विस अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मंत्री प्रमोद कुमार से पूछा कि आप फ्लैट में रहते नहीं अपार्टमेंट बनाते हैं? इस पर मंत्री ने कहा कि हुजूर हम अपार्टमेंट बनाते नहीं फ्लैट में रहते हैं। स्पीकर- मंत्री के इस सवाल- जवाब पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। इसके बाद मंत्री प्रमोद कुमार सचेत हुए। उन्होंने कहा कि सर हम अपार्टमेंट बनाते नहीं बल्कि फ्लैट में रहते हैं। ये लोग गलत सुन लिये हैं। इस पर स्पीकर ने माहौल को हल्का करते हुए कहा कि अगर कोई सदस्य रोजगार के लिए बिल्डिंग बनाते हैं तो इसमें गलत बात नहीं है। मंत्री प्रमोद कुमार के फंसने पर स्पीकर विजय सिन्हा ने अपार्टमेंट सोसायटी को लेकर संज्ञान लिया और कहा कि हम इस पूरे मामले को देखेंगे। यह तीन विभागों से जुड़ा है लिहाजा इसे देखना जरूरी है।
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