मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने पूछा था कि क्या प्रत्येक राज्य में उसके एक प्रमुख खेल को ध्यान में रखते हुए ‘एक राज्य, एक खेल’ की नीति पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा में कुश्ती, महाराष्ट्र में कबड्डी और पश्चिम बंगाल में फुटबॉल जैसे एक प्रमुख खेल पर विशेष ध्यान देते हुए अन्य खेलों पर भी ध्यान दिया जा सकता है। वहीं, खेल राज्य मंत्री प्रमाणिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और नीतियों के कारण आज देश खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और यहां ओलंपिक समेत किसी भी बड़े खेल आयोजन की मेजबानी करने की क्षमता और बुनियादी संरचना है। उन्होंने कहा कि ‘शतरंज ओलंपियाड 2022’ का आयोजन पहले रूस में होने वाला था, लेकिन यूक्रेन पर हमले के कारण रूस से इसकी मेजबानी छिनने के बाद यह अवसर भारत को मिला है। प्रमाणिक ने कहा कि इसके आयोजन के लिए चीन समेत अनेक बड़े देश कतार में लगे थे लेकिन ओलंपियाड की समिति ने भारत को इस योग्य समझा और हमारे देश में आयोजन का निर्णय लिया। 44वें शतरंज ओलंपियाड का आयोजन इस साल चेन्नई में होगा। 2013 में विश्व चैंपियनशिप के आयोजन के बाद यह दूसरा बड़ा वैश्विक शतरंज टूर्नामेंट है जो भारत में आयोजित होगा। प्रमाणिक ने भाजपा सांसद गणेश सिंह के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए 2024 तक 1,000 ‘खेलो इंडिया केंद्र’ खोलने का निर्णय लिया गया है जिनमें 478 ‘खेलो इंडिया केंद्र’ अभी तक बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे केंद्र खुलवाना चाहते हैं तो वे राज्यों के माध्यम से केंद्र को प्रस्ताव भेज सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के एक प्रश्न के उत्तर में प्रमाणिक ने कहा कि 2020 के तोक्यो ओलंपिक में भारत को अब तक की सबसे अधिक सफलता मिली और सबसे ज्यादा पदक मिले। जहां ज्यातातर पदक विजेता खिलाड़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले थे जिनमें नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू और लवलीना बोरगोहेन जैसे नाम हैं। उन्होंने कहा कि ‘खेलो इंडिया केंद्र’ छोटे शहरों में और जिला स्तर पर खोले जा रहे हैं जहां ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ी आते हैं। इनके अलावा ‘खेलो इंडिया’ के तहत संचालित 47 खेल अकादमियों में भी प्रशिक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ी आए हैं।
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