नयी दिल्ली, 28 मार्च, सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. (सेल), आरआईएनएल और एनएमडीसी के हजारों कर्मचारी सोमवार को देशव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। इससे इस्पात कारखानों और खदानों में उत्पादन पर असर पड़ा है। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) के एक अधिकारी ने कहा कि कुल 11,000 कर्मचारियों में से लगभग 8,000 गैर-कार्यकारी कामगार सोमवार से शुरू हुई दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण काम पर नहीं आये। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के काम पर न आने से उत्पादन प्रभावित हुआ। विशाखापत्तनम में तीन फर्नेस में एक ही में काम हो रहा है। एक पहले से ही रखरखाव संबंधी कार्यों की वजह से बंद है जबकि दूसरी इकाई को एहतियाती उपाय के कारण बंद किया गया है। एनएमडीसी संयुक्त खदान मजदूर संघ के सचिव राजेश संधू ने कहा कि कंपनी के करीब 10,000 गैर-कार्यकारी कर्मचारी विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में एनएमडीसी खानों और दफ्तरों में काम करने कर्मचारी आज हड़ताल में शामिल हुए।’’ संधू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बचेली और कर्नाटक के दोनिमलाई जैसे महत्वपूर्ण खनन परिसरों में काम पूरी तरह से बंद है। स्टीर्ल वर्कर्स फेडरशन ऑफ इंडिया (एसडब्ल्यूएफआई) ने कहा कि आरआईएनएल के अलावा सेल के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष पी के दास ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कंपनी के संयंत्रों और खदानों में सेल के हजारों कर्मचारी काम पर नहीं आये। संगठन हड़ताल के प्रभाव का आकलन कर रहा है। सरकार की कथित गलत नीतियों को लेकर 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सोमवार से दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की शुरुआत की है। उनका कहना है कि इन नीतियों के कारण किसान, कामगार और आम लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
सोमवार, 28 मार्च 2022
सेल, राष्ट्रीय इस्पात निगम, एनएमडीसी के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल में शामिल
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