- केरल की नारी सिस्टर जोसेफ की मदर जनरल पद संभालने की तैयारी
कोलकाता. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना 1950 में हुई.कोलकाता की माता मदर टेरेसा ने स्थापित की थी.मिशनरीज ऑफ चैरिटी में 1950 से 1997 तक मदर जनरल पद पर काबिज रही.अल्बानियाई मदर टेरेसा रिकॉड 47 साल उक्त पद पर कर शानदार सेवाकार्य की. इसके बाद मदर जनरल सिस्टर निर्मला जोशी बनी.वे एक नेपाली मूल के हिंदू-ब्राह्मण परिवार में जन्मी थी. उनके पिता भारतीय सेना में अफसर थे.मदर जनरल पद 12 साल 1997 से 2009 तक सिस्टर निर्मला जोशी सेवाकार्य की. इसके बाद तीसरे मदर जनरल सिस्टर सीनियर मैरी प्रेमा पियरिक बनी.जर्मनी की सिस्टर सीनियर मैरी प्रेमा पियरिक 2009 से 2022 मदर जनरल पद 13 साल रहकर सेवाकार्य की. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की इन त्रिमूर्ति मदर जनरल पद पर 72 साल तक सेवाकार्य करके एक रोमन कैथोलिक धार्मिक कलीसिया को आगे बढ़ाती रही.मिशनरीज ऑफ चैरिटी में 2020 में, इसमें 5,167 धार्मिक बहनें शामिल थीं और 2012 तक 133 देशों में सक्रिय थीं.कलीसिया उन लोगों के लिए घरों का प्रबंधन करती है जो एचआईवी/एड्स , कुष्ठ और तपेदिक से मर रहे हैं. यह सूप किचन , डिस्पेंसरी, मोबाइल क्लीनिक, बच्चों और परिवार परामर्श कार्यक्रमों के साथ-साथ अनाथालय और स्कूल भी चलाता है. सदस्य शुद्धता, गरीबी और आज्ञाकारिता की शपथ लेते हैं , और एक चौथा प्रतिज्ञा भी करते हैं - "गरीब से गरीब व्यक्ति को पूरे दिल से मुफ्त सेवा" देने के लिए. अब भारतीय नारी को 2022 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी को मदर जनरल बनाया गया है.वह केरल की रहने वाली सिस्टर जोसेफ हैं.स्वागत है नव घोषित मदर जनरल सिस्टर जोसेफ. मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सूत्रों के अनुसार, चुनाव 13 मार्च को पूर्वी भारत के कोलकाता में मण्डली मुख्यालय-मदर हाउस में हुआ था.वर्तमान में, सिस्टर जोसफ कलीसिया के केरल क्षेत्र, दक्षिण में श्रेष्ठ हैं. मदर जनरल सिस्टर जोसेफ के बनते ही केरल में हर्ष व्याप्त है.आपके कंधे पर संत टेरेसा, सिस्टर निर्मला जोशी और सिस्टर सीनियर मैरी प्रेमा पियरिक के शानदार सेवाकार्य को आगे रफ्तार देना है. मदर टेरेसा अपने काम के लिए विश्व प्रसिद्ध हुईं. सितंबर 1997 में उनकी मृत्यु हो गई और पोप फ्रांसिस ने उन्हें 2016 में कोलकाता की सेंट टेरेसा के रूप में विहित किया.
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