आयुर्वेदिक को दुनिया के कोने कोने में पहुंचाएं आयुष स्टार्ट अप्स : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 मार्च 2022

आयुर्वेदिक को दुनिया के कोने कोने में पहुंचाएं आयुष स्टार्ट अप्स : मोदी

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नयी दिल्ली 27 मार्च, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन एक लाख 40 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने पर संतोष व्यक्त करते हुए आयुष के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट अप्स से आज आग्रह किया कि वे अपने पोर्टल में ना केवल अंग्रेज़ी बल्कि संयुक्त राष्ट्र में मान्यता प्राप्त सभी भाषाओं में भी सामग्री डालें जिससे भारतीय ज्ञान एवं उत्पाद दुनिया के काेने कोन में छा जाएं। श्री मोदी ने श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 87वें अंक में कहा कि हमारी संस्कृति में सबको सौ-वर्ष के स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। हम 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाएंगे। आज पूरे विश्व में स्वास्थ्य को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। अभी आपने देखा होगा कि पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। इसी तरह से आयुष उद्योग का बाजार भी लगातार बड़ा हो रहा है। 6 साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपए के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुँच रहा है, यानी इस क्षेत्र में संभावनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। स्टार्ट अप जगत में भी आयुष आकर्षण का विषय बनता जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के आयुष विषयक स्टार्ट अप्स पर बात करते हुए कहा कि एक स्टार्ट अप है- कपिवा। इसके नाम में ही इसका मतलब छिपा है। इसमें ‘क’ का मतलब है- कफ, ‘पि’का मतलब है- पित्त और ‘वा’ का मतलब है- वात। यह स्टार्ट अप हमारी परम्पराओं के मुताबिक स्वस्थ भोजन की आदतों पर आधारित है। एक और स्टार्ट अप निरोग-स्ट्रीट भी है जो आयुर्वेद स्वास्थ्य ईकोसिस्टम में एक अनूठी अवधारणा पर आधारित है। इसका प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफाॅर्म दुनिया-भर के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सीधे लोगों से जोड़ता है। 50 हजार से अधिक डॉक्टर इससे जुड़े हुए हैं। इसी तरह, आत्रेय इनोवेशन्स एक स्वास्थ्य टैक्नोलॉजी स्टार्ट अप है जो समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहा है। इक्जोरियल ने न केवल अश्वगंधा के उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाई है, बल्कि उच्च गुणवत्ता उत्पादन प्रक्रिया पर भी बड़ी मात्रा में निवेश किया है। क्योरवेदा ने जड़ी-बूटियों के आधुनिक शोध और पारंपरिक ज्ञान के संगम से समग्र जीविका के लिए भोजन सप्लीमेंट्स का निर्माण किया है। श्री मोदी ने कहा, “ऐसे स्टार्ट अप्स की सूची बहुत लंबी है। ये भारत के युवा उद्यमियों और भारत में बन रही नई संभावनाओं का प्रतीक है। मेरा स्वास्थ्य क्षेत्र के स्टार्ट अप्स और विशेषकर आयुष स्टार्ट अप्स से एक आग्रह भी है। आप ऑनलाइन जो भी पोर्टल बनाते हैं, जो भी कंटेट सृजित करते हैं, वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सभी भाषाओं में भी बनाने का प्रयास करें। दुनिया में बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ अंग्रेजी न इतनी बोली जाती है और ना ही इतनी समझी जाती है। ऐसे देशों को भी ध्यान में रखकर अपनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करें। मुझे विश्वास है, भारत के आयुष स्टार्ट अप्स बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद के साथ जल्द ही दुनिया भर में छा जायेंगे।” प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही भारतीय योग एवं प्राचीन परंपराओं के साथ जीने वाले एवं हाल में पद्म श्री से सम्मानित वाराणसी के स्वामी शिवानंद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हाल ही में हुए पदम् सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरुर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा, पलक झपकते ही, वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर बार-बार प्रणाम किया। 126 वर्ष की आयु और बाबा शिवानंद की फिटनेस, दोनों, आज देश में चर्चा का विषय है। मैंने सोशल मीडिया पर कई लोगों की टिप्पणियों को देखा, कि बाबा शिवानंद, अपनी उम्र से चार गुना कम आयु से भी ज्यादा फिट हैं। वाकई, बाबा शिवानंद का जीवन हम सभी को प्रेरित करने वाला है। मैं उनकी दीर्घ आयु की कामना करता हूँ। उनमें योग के प्रति एक आकर्षण है और वे बहुत स्वस्थ जीवनशैली में जीते हैं।” 

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