गाजीपुर 05 मार्च, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हुंकार भरते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जब तक सही और सच्चा बदलाव नहीं होता, वह यहीं रह कर जनता के मुद्दों की लड़ाई लड़ती रहेंगी। श्रीमती वाड्रा ने सातवें चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शनिवार को एक चुनावी जनसभा में कहा “ तीन साल पहले जब मैं प्रभारी बनकर उत्तर प्रदेश में आई, तब पार्टी के कुछ बड़े नेता जो आज पार्टी छोड़ चुके हैं, वह मेरे पास आए और कहा कि यहां से निकल जाइए, उत्तर प्रदेश में कुछ नहीं मिलने वाला है, यहाँ तो संघर्ष ही संघर्ष है। यहां कांग्रेस तो है ही नहीं, आप नेतृत्व से बात करिए आपको यहां से निकालकर कहीं और भेज दें। मैंने अपने भाई तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बात की, उन्होंने कहा, प्रियंका उत्तर प्रदेश जाओ और संघर्ष करो, याद रखो जहां लोगों को दुःख है, अत्याचार हो रहा है, वहां जाकर जनता के मुद्दों की लड़ाई लड़ो। ”
उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में सबसे ज्यादा नौजवान हैं, सर्वाधिक ऊर्जा है, हुनर है, वहां की हालत इतनी ख़राब कैसे है। दरअसल बसपा और सपा सिर्फ जाति की बात कर रही हैं। भाजपा सिर्फ जाति और धर्म की बात कर रही है। नौजवान बेरोजगार हैं। भर्तियों में घोटाला हो रहा है। युवाओं के भविष्य बर्बाद हो रहे हैं। दूसरी तरह 12 लाख सरकारी पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनको आपकी समस्याएं ही मालूम नहीं है। देश प्रदेश की जानकारी रखते हैं, पर उन्हें यह नहीं मालूम है कि महंगाई चरम पर है, छुट्टा जानवरों से लोग परेशान हैं, बेरोजगारी चरम पर है। यह ऐसे लोगों है जो आपसे वोट लेकर सत्ता में रहेंगे, लेकिन आपके रोजगार, आपको सक्षम करने, सशक्त करने की बात नहीं करते हैं। यह अच्छी तरह समझ गए हैं कि वोट और सत्ता जाति-धर्म के आधार पर मिलेगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति आपको गरीब रखना है। राष्ट्रवाद के नाम पर आपको लाइन में लगा दिया। आपका व्यापार नष्ट हो गया, लेकिन कोई काला धन नहीं आया। अचानक हुए लॉकडाउन में बड़े उद्योगपति फलते फूलते रहे, लेकिन आपका सब नष्ट हो गया। किसान मेहनत करता है लेकिन उसके लिए कुछ नहीं किया। किसान के लिए ये जितनी नीतियां लाए, किसानों का सिर्फ नुकसान हुआ। काले कानून लाए जिसमें लिख दिया कि आपका हक कोई और छीनेगा। उन्होने नकहा “प्रधानमंत्री दुनिया घूम आए, मगर महीनों तक सड़क पर डटे किसानो के पास जाकर बात नहीं की। यह कैसा राष्ट्रवाद है कि आप किसानों की समस्या सुनते तक नहीं। यह कैसा राष्ट्रवाद है कि आपके मंत्री के पुत्र ने किसानों को कुचल डाला और वह मंत्री आपके साथ मंच पर खड़ा होता है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह खोखला राष्ट्रवाद है। यह राजनीतिक मंचों का राष्ट्रवाद है। कांग्रेस ने रोजगार देने वाले जितने संस्थान बनाए थे, सब इन्होंने अपने मित्रों को बेच डाली। बड़ी-बड़ी संस्थाएं बेच डाली तो रोजगार कहां से देंगे। भाजपा ने लोकतंत्र को पलट दिया है, प्रधानमंत्री सिर्फ चुनावी मंचों से जनता को दिखते हैं। और कहते हैं कि आप पर उन्होंने बहुत बड़ा एहसान किया है।
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