दूर्वाक्षत के तत्वावधान में रविवार 10:04 को मिथिलेत्तर संवाद का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्री अशोक अविचल, विशेष ख्याति भी कैलाश कुमार मिश्र जी अध्यक्षता डॉ राजीव रंजन चौधरी जी यूके के संस्थापक अध्यक्ष पंडित कौशल झा शास्त्री, कार्यक्रम का संचालन श्री अंजनी कुमार चौधरी सिंगापुर, के द्वारा किया गया। दूर्वाक्षत मूलतः विलुप्त होती हुई लिपि मिथिलाक्षर या तिरहुता को सिखाने पढ़ाने का एक संस्थान है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के लोग सीख रहे हैं। एशिया और यूरोप के विभिन्न प्रांतों से लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दूर्वाक्षत दुर्लभ पांडु लिपी का भी लिप्यंतरण करने और कराने की बात सोच रहा है, यह वास्तव में एक अद्भुत एवं मिथिला मैथिली के लिए एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करने जा रहा है।
गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

दूर्वाक्षत के तत्वावधान में रविवार 10:04 को मिथिलेत्तर संवाद का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्री अशोक अविचल, विशेष ख्याति भी कैलाश कुमार मिश्र जी अध्यक्षता डॉ राजीव रंजन चौधरी जी यूके के संस्थापक अध्यक्ष पंडित कौशल झा शास्त्री, कार्यक्रम का संचालन श्री अंजनी कुमार चौधरी सिंगापुर, के द्वारा किया गया। दूर्वाक्षत मूलतः विलुप्त होती हुई लिपि मिथिलाक्षर या तिरहुता को सिखाने पढ़ाने का एक संस्थान है जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के लोग सीख रहे हैं। एशिया और यूरोप के विभिन्न प्रांतों से लोग शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। दूर्वाक्षत दुर्लभ पांडु लिपी का भी लिप्यंतरण करने और कराने की बात सोच रहा है, यह वास्तव में एक अद्भुत एवं मिथिला मैथिली के लिए एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करने जा रहा है।
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