- आपदा नही होगी भारी, यदि पूरी है तैयारी
- जिलाधिकारी ने लोगों से सावधानी बरतने की जारी की अपील
- अगलगी से सुरक्षा एवम बचाव को लेकर जिले में आयोजित किये जा रहे है,जागरूकता कार्यक्रम।
मधुबनी, जिलाधिकारी ने जिले में गर्मी के मौसम एवम चल रही तेज हवाओं के कारण अग्निकांडो में वृद्धि की संभावना को देखते हुए लोगों से सचेत रहने की अपील जारी की है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी चूक से अग्नि कांड होने की संभावना बनी रहती है और जानमाल की क्षति होती है। ऐसे में आम लोगों को सचेत रहने खेत, खलिहान एवं घरों में अग्नि सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अग्नि सुरक्षा को लेकर जानकारी एवम पूर्व तैयारी हो तो आपदा के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकता है। उन्होंने लोगो से अपील करते हुए कहा कि खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी एवं फसलों से भी दूर खुले स्थान पर लगाएं।
* थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें ।
*थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें। *खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें ।
*रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें।
* एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें ।
*खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके।
* खलिहान वैसी जगह हो जहां जल स्रोत नजदीक हो ,जैसे नदी, तालाब ,पैन ,बोरिंग ।
*खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। *खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं,यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टीया अवश्य पास में रखें।
* बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नहीं बनाया जाए। *खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती ,धूप ,दीपक इत्यादि पर नजर रखें ,जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए।
* खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें।
* बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। *खेतों के आसपास बीड़ी सिगरेट आदि ना पिए तथा ना ही किसी को पीने दे ।
*कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग ना लगाएं।
*रसोईघर को यथासंभव अग्नि रोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दे। फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं।
* देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 5:00 से 6:00 के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें।
* दीप,लालटेन,ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें ।
*रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिंथेटिक कपड़े इत्यादि।
* ढीले और सिंथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें। रसोईघर से बच्चों को दूर रखें। *तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें ।
*किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं।
* घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी ,बालू, सूखी मिट्टी ,धूल इत्यादि जमा कर रखें।
* हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं ।
*सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 101 एवम जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 06276-224445 अपने पास अवश्य रखें ।
*जलती हुई बीड़ी सिगरेट और माचिस की काठी के खेत खलियान में ना फेंके।
* आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि अगलगी से सुरक्षा एवम बचाव को लेकर जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। मॉक ड्रील का आयोजन कर आग पर कैसे काबू पाया जाय इसके विभिन्न तरीकों को बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अग्निकांडो की सूचना अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके। अग्निकांड की सूचना अनुमंडल वार अग्निशमन पदाधिकारी के निम्न दूरभाष संख्या पर दी जा सकती है।।
सदर अनुमंडल, 7485805832,7485805833
जयनगर अनुमंडल, 7485805838, 7485805839
झंझारपुर अनुमंडल, 7485805882, 06273295101
बेनीपट्टी अनुमंडल 7485805834, 7485805835
फुलपरास अनुमंडल, 7485805836, 7485805837
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