- महाकवि विद्यापति और जनकवि बाबा नागार्जुन की धरती मधुबनी में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
मधुबनी, भारतीय जननाट्य संघ इप्टा की 'ढाई आखर प्रेम' की सांस्कृतिक यात्रा कल मधुबनी पहुँची। इस यात्रा जत्थे का बाबा नागार्जुन के गांव तरौनी से किया गया। मधुबनी श्रृंखला के अंतिम पड़ाव पर टाउन क्लब मैदान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक संध्या से पहले यह यात्रा झंझारपुर एवं रहिका के विद्यापति चौक पहुंची। जहां मैथिली व संस्कृत भाषा के महाकवि विद्यापति की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। इस आयोजन में इप्टा के साथियों ने जनगीतों के साथ ही खुदा हाफ़िज़ और भारत माता कौन का मंचन किया। कार्यक्रम में इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश वेदा ने आज के समय में इप्टा द्वारा प्रेम का संदेश लेकर यात्रा क्यों निकाली जा रही है इस विषय को लेकर जनसमुदाय के साथ संवाद स्थापित किया। इस कार्यक्रम में जिला परिषद की अध्यक्ष श्रीमती बिंदु गुलाब यादव सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम हमेशा होते रहना चाहिए ताकि युवाओं में इसके प्रति जुड़ाव बढ़ सके। इस तरह के आयोजन हमारे शहर में भी आयोजित करने के लिए इप्टा को धन्यवाद दिया और आगे के कार्यक्रमों में आमंत्रित करने का अनुरोध भी किया। बिहार इप्टा के महासचिव तनवीर अख्तर ने जत्थे के साथियों द्वारा पेश किए जा रहे कार्यक्रम का संचालन करते हुए बिहार में यात्रा को लेकर जानकारी दी। इसके साथ ही यात्रा के उद्देश्य को लेकर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। मैथिली साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार उदयचन्द्र झा 'विनोद' कहते हैं कि मिथिलांचल में विद्यापति की कविताएं गीत बनकर यहां की संस्कृति में समाहित हैं। जीवन से जुड़े हर आयोजनों में विद्यापति के गीत गाए जाते हैं। इप्टा की यात्रा को लेकर झा कहते हैं कि नफ़रत दूर करने का 'इप्टा क एहि अभियान क हम हार्दिक स्वागत करते छी। मधुबनी इप्टा के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने सांस्कृतिक संध्या में आभार सह धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त करते हुए मैथिली भाषा में एक जनगीत प्रस्तुत किया जिसमें एक पंक्ति कुछ इस प्रकार है- राजनीति के धरम से जोरै, नररूप में व शैतान।। इस कार्यक्रम में जिले के गणमान्य कवि, सांस्कृतिक कर्मी, बुद्धिजीवी समेत कई लोग उपस्थित हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें