- * एकता परिषद का दो दिवसीय ग्रामीण मुखिया नेतृत्व विकास शिविर का हुआ समापन
सागर. एकता परिषद मध्यप्रदेश वन अधिकार अभियान के तहत जिला सागर के ब्लॉक देवरी, बंडा, राहतगढ़ ब्लॉक के सागर कन्हैया वाटिका में दो दिवसीय ग्रामीण मुखिया नेतृत्व विकास शिविर का आयोजन रखा गया.शिविर का समापन हो गया.इस शिविर में गांव-गांव वन अधिकार चौपाल चलाने का निश्चय किया गया.जिसमे सागर जिले कि देवरी, बंडा , राहतगढ़ ब्लाक,50 गांव के 150 मुखिया साथी भाग लिया. इस शिविर का मुख्य उद्देश्य वन अधिकार अधिनियम के तहत जानकारियों का आदान-प्रदान करना एवं वन अधिकार पाने के लिए जो प्रक्रिया है उसकी जानकारी ग्रामीणों को देना है. इस शिविर में प्रत्येक गांव से दो-दो मुखियाओं का नेतृत्व तैयार कर वन अधिकार अभियान चलाया जाएगा. शिविर में भोपाल से आए एकता परिषद के राष्ट्रीय महासचिव श्री अनीश जी ने जमीन के संदर्भ में बात रखते हुए बताया की वन अधिकार कानून 2006 को लागू हुए पन्द्रह साल से ज्यादा हो गया है फिर भी गरीब वंचित आदिवासी आज भी अपने अधिकार से वंचित हैं. कई बार गांव के लोगों ने दावा आवेदन किये. कभी ऑफलाइन ,तो कभी ऑनलाइन के दावा किए. परन्तु अभी भी अपने अधिकारों से वंचित हैं. जंगलों में निवास करने वाला समुदाय के लोग मध्यप्रदेश में अभी भी पिछड़ा हुआ है. जिसको लेकर अभी बहुत कार्य करना शेष है. एकता परिषद के प्रदेश संयोजक डोंगर भाई ने कहां कि मध्यप्रदेश वन अधिकार अभियान कार्यक्रम चलाया जा रहा है, आने वाले समय में अंतिम बार जिन लोगों को वन अधिकार का पट्टा नहीं मिला है,उन सभी का वन अधिकार अभियान के तहत दावा लगाने के लिए एकता परिषद इस अभियान के तहत कार्यकर्ताओं द्वारा सिलवानी के ग्रामों में वन अधिकार पर मई माह से चौपाल लगाकर दावे लगाने की प्रक्रिया चलाएं . इस प्रक्रिया के उपरांत वन भूमि के मुद्दों को हल कराने के लिए शासन प्रशासन से संवाद किया जाएगा साथ ही संगठन का विस्तार हो रहा इसलिए सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और गांव-गांव में अनाज कोष इकठ्ठा करना होगा. जो गरीब वंचितों समाज की पंचायत पर खर्च कर समाज को एकजुट किया जाएगा.दो दिवसीय शिविर का सफल संयोजन दीपक अग्रवाल ने किया. शिविर में एकता महिला मंच रायसेन जिला समन्वयक सरस्वती ऊइके, जिला संयोजक टीकाराम आठिया,सिहोर संयोजक राकेश रतन,बैतूल से आए संयोजक भरत सरयाम, सागर क्षेत्र के कार्यकर्ता साथी, रविशंकर भाई, प्रमोद गौड़ , मनोज आदिवासी , शान्ति बहिन, तुलसा , प्रदीप कुमार,मंगल सौर,पुरन अहिरवार, आदि गांवों मुखिया, युवा,महिलाए उपस्थित रहे.
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