खागा - फतेहपुर। इस विकराल मौसम में जहां लोगों के साथ ही जानवरों के सामने पेयजल का संकट है तो इसके बाद भी यहां के लोग पर्यावरण से छेड़छाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। मामला तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का है, जहां ग्रामीणों की मानें तो अधिकांशतः ग्राम प्रधानों की मिलीभगत से तालाब में जेसीबी से मिट्टी खोद बेंच देने का मामला देखने को मिलता है। इस मिट्टी से आवासीय प्लाटों आदि की पुराई की जाती है। इतना ही नहीं कई जगह पर मामला सामने आने पर ग्रामीणों ने जब विरोध किया, तब जाकर मिट्टी का अवैध खनन बंद हुआ। इलाके में आवासीय व व्यवसायिक भवनों के चल रहे अत्यधिक निर्माणों की वजह से मिट्टी की मांग बढ़ गई है। इस मांग की वजह से नियमों को ताक पर रखकर मिट्टी खनन किया जा रहा है। अभी तक खेतों को खोदे जाने की बात सामने आ रही थी, लेकिन अब तालाबों को भी खोदकर उसकी मिट्टी बेंचने की बात सामने आने लगी है। विभिन्न पंचायतों से ताल्लुक रखने वाले भिन्न - भिन्न ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के कई प्रधानों द्वारा दबंगों से मिलकर तालाबों से जेसीबी द्वारा खुदाई करवाकर लाखों रुपयों की मिट्टी बेच डाली है। वहीं कुछ कुम्हार बिरादरी के लोग बताते है कि तालाब की मिट्टी से वो लोग बर्तन बनाकर व बेचकर परिवार का भरण पोषण करते हैं, लेकिन क्षेत्रीय ग्राम प्रधानों के द्वारा तालाब से उन्हें मिट्टी नहीं लेने दिया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे ग्राम प्रधानों के द्वारा काफी दिनों से तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर जेसीबी से अवैध मिट्टी का खनन करवाया जा रहा, उन्होंने अवैध मिट्टी का खनन का विरोध किया तो धमकियां मिलने लगी जिस पर उन्होंने संबंधित राजस्व कर्मियों से तालाब के अवैध खनन की शिकायत की। सरकार एक तरफ जहां भूंखे और गरीब तबके के लोंगो को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया करा रही है। वहीं इन गरीब और असहाय लोंगो के पेट पर लात मारकर ऐसे कारनामों में लिप्त ग्राम प्रधाननों द्वारा मिट्टी खनन माफियाओं व दबंगों की मिली भगत से अवैध ढंग से तालाब की खुदाई जेसीबी से करवा कर मोटी रकम कमाई जा रही है, मंशा पर पानी फेरा जा रहा है अब तक कई हजार घन फुट मिट्टी की कालाबाजारी हो चुकी। ग्रामीणों की इस चिंता पर राजस्व विभाग से संपर्क किया गया तो नाम न छापने की शर्त पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि पंचायतों में अवैध मिट्टी खनन का कारोबार जोरों से है ऐसे में खनन माफिया देर रात में इस अवैध काम को अंजाम देते हैं जिससे राजस्व विभाग के पास पुख्ता साक्ष्य व समय पर सूचना नहीं मिल पाती है उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर पंचायत को त्वरित संज्ञान लेना चाहिए लेकिन ससमय ऐसी सूचना नहीं मिल पाने पर ये अवैध कारोबार फल फूल सा रहा है। अवैध मिट्टी खनन का दुष्परिणाम जब पड़ेगा तब पूरे समाज पर असर दिखाई देगा लेकिन आज चंद पैसों में जिम्मेदार अपने ईमान का सौदा करते हुए अपने लाभ के लिए हर कुकृत्य करने को तैयार है। समय रहते अगर ऐसी गम्भीर समस्याओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो निश्चित तौर पर आने वाले समय मे गम्भीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022
फतेहपुर : अवैध मिट्टी खनन में प्रधानों की मिलीभगत से जूझता राजस्व विभाग
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