मोदी ‘सच्चे राजनेता’ हैं : नीरज शेखर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2022

मोदी ‘सच्चे राजनेता’ हैं : नीरज शेखर

modi-real-leader-neeraj-shekhar
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद नीरज शेखर ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद उनकी सराहना करते हुए उन्हें ‘‘पार्टी लाइन से ऊपर एक सच्चा राजनेता’’ बताया। यह संग्रहालय राष्ट्रनिर्माण में देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाता है। नीरज शेखर ने अपने युग के दिग्गज समाजवादी नेता एवं भाजपा के आलोचक चंद्रशेखर के साथ मोदी के दशकों पुराने जुड़ाव को याद किया और खेद जताया कि सरकारें आयी और गईं, जिनमें वे सरकारें भी शामिल थीं जिन्होंने उनके पिता के साथ मिलकर काम किया लेकिन राष्ट्र के लिए उनके योगदान को दर्शाने के लिए ज्यादा प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने परोक्ष तौर पर कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अफसोस की बात है कि प्रधानमंत्री का मतलब केवल एक वंश से था। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ साल पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे पिता पर एक किताब का विमोचन किया था। आज, जब मैं अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री संग्रहालय गया तो हम गौरवान्वित महसूस करने के साथ ही भावुक हो गए। कम से कम कोई नेता हैं जो बड़े स्तर पर सोचते हैं, पार्टी लाइन से ऊपर सच्चा राजनेता।’’ नीरज शेखर 2019 में समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके पिता का 2007 में निधन हो गया था, जिसके बाद नीरज चुनावी राजनीति में आ गए। उन्होंने ट्वीट किया कि अलग-अलग पीढ़ियों और पार्टियों से जुड़े होने के बावजूद मोदी और चंद्रशेखर के बीच बहुत करीबी रिश्ता था। उन्होंने कहा, ‘‘यही लोकतंत्र है। मेरे पिता प्रधानमंत्री मोदी को कई सालों से जानते थे और हमेशा उनके विकास कार्यों की सराहना करते थे।’’ उन्होंने कहा कि मोदी आपातकाल के बाद पहली बार उनके पिता से मिले थे, जब भाजपा नेता राजनीति और राजनीतिक आंदोलनों की बारीकियों को "सीख" रहे थे। नीरज शेखर ने कहा कि उन्हें (मोदी) को गुजरात में उनके पिता के साथ रहने का काम सौंपा गया था।  नीरज शेखर ने कहा, ‘‘2000 के दशक के मध्य में, जब मेरे पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वह सक्रिय राजनीति से बाहर थे, उन्होंने मुख्यमंत्री मोदी से मिलने की इच्छा व्यक्त की। तुरंत ही, मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि वह दिल्ली में मेरे पिता से मिलने आएंगे और अगली यात्रा के दौरान वह मेरे पिता से मिलने आए।’’ उन्होंने कहा कि जब वे मिले, तो दोनों नेताओं ने आपातकाल विरोधी आंदोलन, 1980 और 1990 के दशकों में भारतीय राजनीति की दिशा और गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा की। नीरज शेखर ने कहा कि उनके पिता मोदी की ईमानदारी और दृढ़ता से प्रभावित थे। मोदी ने बृहस्पतिवार को 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्‍ली के तीन मूर्ति परिसर में स्थित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ ही राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को दर्शाया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: