बिहार : अब 50 प्रतिशत क्लास होंगे ऑनलाइन! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 6 मई 2022

बिहार : अब 50 प्रतिशत क्लास होंगे ऑनलाइन!

50-percen-classes-online-bihar
बिहार के सभी स्कूल-कॉलेजों में अब 50 प्रतिशत कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। यह फैसला शिक्षा विभाग बढ़ते कोरोना मामलों के मद्देनजर लेने वाला है। जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई को ऑनलाइन क्लास के जरिए भी सुचारू रूप से जारी रखा जाएगा। शिक्षा विभाग एक मैंगनिज्म जारी करेगा। जिसके तहत नियमित रूप से ऑनलाइन तथा ऑफलाइन क्लास चलाएं जाएंगे। मैंगनिज्म के अनुसार 50 प्रतिशत क्लास ऑनलाइन होंगे और 50 प्रतिशत ऑफलाइन। ऑनलाइन क्लास के लिए विशेष आधारभूत संरचना की आवश्यकता पड़ेगी जिसे विभाग द्वारा मुहैया कराया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कॉलेजों में पहले से ही wi-fi की व्यवस्था करा दी गई है। इस पर कार्य करने हेतु शिक्षा विभाग जल्द ही आइटी और आईसीटी एक्सपर्ट की बैठक करेगा। देश डिजिटल हो चुका है, इसका प्रमाण कोरोना काल में सभी ने देखा है और लोगों ने डिजिटलाइजेशन का फायदा भी उठाया। इसी लाजबाव तकनीक का फायदा अब बिहार शिक्षा विभाग भी उठाने जा रही हैं। बता दें कि प्रदेश के सभी बेहतरीन प्राध्यापकों के लेक्चर की वीडियो दूसरे कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी मुहैया कराया जाएगा। सभी प्राध्यापकों की ऑफलाइन क्लास की बाकायदा वीडियो बनाई जाएगी, जिसके बाद इस वीडियो को ऑनलाइन जारी की जाएगी। लोग आधुनिक डिजिटल तकनीक के आदि हो चुके हैं और इस लाभ का फायदा अब भी उठा रहें हैं। लेकिन, अब भी कई शिक्षक ऐसे हैं जो डिजिटल फ्रेंडली नहीं हुए हैं। इन कमियों को खत्म करने के लिए ही मैग्निजम बनाई जा रही हैं। दरअसल, कोरोना महामारी के कारण शिक्षा पर इसका खासा प्रभाव पड़ा, बच्चों की पढ़ाई बाधित रही, बच्चें स्कूल-कॉलेजों से दूर रहें। लगभग दो सालों के बाद शिक्षा एवं अन्य चीजें फिरसे नियमित होने लगीं थीं और इसे नियमित बरकार रखने के लिए ही इतनी कवायद की जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं: