पटना : बिहार में तेजी से बढ़ रहे शराब के मामले को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में शराबबंदी से जुड़े मामलों की सुनवाई अब लोक अदालत के जरिए भी होगी। हलांकि, सरकार ने शराबबंदी से जुड़े मामलों की न्यायिक प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए पहले ही अलग कोर्ट की स्थापना की है लेकिन अब लोक अदालत के जरिए भी इस ऐसे मामलों को निपटाया जाएगा। बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है कि राज्य के सभी जिलों में आगामी 14 मई को शराबबंदी से जुड़े मामलों के लिए लोक अदालत लगाई जाएगी। इसमें लंबे समय से चले आ रहे मुकदमों का निपटारा होगा। इसमें विशेषकर पहली बार शराब पीने के जुर्म में जेल जाने वाले मामलों का निपटारा किया जा सकता है। सरकार के इस फैसले की जानकारी उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने दी है। इस नए नियम की तहत राज्य सरकार ने तय किया है कि धारा-37 के तहत पहली बार शराब पीने के जुर्म में जेल जाने के मामलों में बड़े स्तर पर सुनवाई होगी। धनजी के मुताबिक शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के दोषी अभियुक्तों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके आगे उत्पाद आयुक्त ने बताया है कि शराबबंदी से जुड़े केसों के ट्रायल के मामलों राज्य के अंदर जनवरी के मुकाबले आठ गुना तेजी आई है। स्पेशल कोर्ट के गठन बाद जनवरी में हुए 50 मामलों के मुकाबले अप्रैल में 409 केस का ट्रायल पूरा कर 398 अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी है। जबकि 55 दोषमुक्त करार दिए गए हैं।
मंगलवार, 3 मई 2022
बिहार : 14 मई से लोक अदालत में होगा शराबबंदी मामलों का निपटारा
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