जिले में की गई जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण की वर्षवार निर्धारित लक्ष्या इस प्रकार है:-
वर्ष-2020
मुख्यालय द्वारा जन्म रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-126430 के विरूद्ध जिले द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति- 132965 यानी 105.16 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार मुख्यालय द्वारा मृत्यु रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-27570 के विरूद्ध जिले द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति-15594 यानी 56.56 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई।
वर्ष-2021
मुख्यालय द्वारा जन्म रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-140953 के विरूद्ध जिले द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति- 147623 यानी 104.70 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार मुख्यालय द्वारा मृत्यु रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-31088 के विरूद्ध जिले द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति-18433 यानी 59.3 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई।
वर्ष-2022 (माह अप्रैल तक)
मुख्यालय द्वारा जन्म रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-141401 के विरूद्ध जिले द्वारा अभी तक लक्ष्य की प्राप्ति- 46869 यानी 33.14 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार मुख्यालय द्वारा मृत्यु रजिस्ट्रीकरण का लक्ष्य-30079 के विरूद्ध जिले द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति-6683 यानी 22.21 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई है, रजिस्ट्रेशन कार्य जारी है। जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,1969 भारतीय संसद द्वारा पारित है एवं बिहार राज्य में यह अधिनियम पहली अप्रैल 1970 से प्रभावी है, जिसे बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 के रूप में प्रतिस्थापित करते हुए जनवरी, 2000 से लागू है। इस अधिनियम के अंतर्गत जन्म और मृत्यु की सभी घटनाओं की रजिस्ट्रीकरण किया जाना अनिवार्य है। संयुक्त निदेशक, जीवनांक राज्य के मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु), बिहार है। जिला पदाधिकारी, जिला रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु), जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु), ग्रामीण घोषित है। पंचायत सचिव अपने पंचायत के रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु), ग्रामीण तथा आँगनबाड़ी सेविका को उनके पोषक क्षेत्र के अधीन 21 दिनों के भीतर घटित जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण हेतु संबंधित पंचायत सचिव -सह- रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) के नियंत्रणाधीन उप रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) घोषित किया गया है।
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