कोलकाता 06 मई, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया की मौत को ‘राजनीतिक हत्या’ करार देते हुए इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की। श्री चौरसिया का शव आज उत्तरी कोलकाता के काशीपुर में फांसी के फंदे से लटका मिला था। देर शाम कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चौरसिया के शव का पोस्टमार्टम शहर के कमांड अस्पताल (सेना) में कराने का निर्देश दिया। साथ ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियो-ग्राफी कराने का भी निर्देश दिया। श्री शाह आज श्री चौरसिया के परिजनों से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे और राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए वादा किया कि ‘दोषियों’ को कड़ी सजा दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा पीड़ित परिवार के साथ ‘चट्टान की तरह’ खड़ी रहेगी। उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय ने इस घटना पर राज्य से रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति माने जाने वाले श्री शाह ने श्री चौरसिया के घर से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा,“गृह मंत्रालय ने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है और पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।” उल्लेखनीय है कि अर्जुन चौरसिया शव उनके घर के पास घोषपारा में खाली पड़े एक रेलवे क्वार्टर में लटका हुआ मिला था। इससे पहले भाजपा ने दावा कि वह (श्री चौरसिया) शाह के स्वागत के लिए एक बाइक रैली का नेतृत्व करने वाले थे। बंगाल में हिंसा और भय की संस्कृति प्रचलित होने का आरोप लगाते हुए श्री शाह ने कहा, "कल (गुरुवार) को तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा किया। आज पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और राजनीतिक हत्याओं की परंपरा फिर से शुरू हो गई। उन्होंने कहा, “भाजपा अर्जुन चौरसिया की हत्या की निंदा करती है। मैं पीड़ित परिवार से मिला। उसकी दादी को भी पीटा गया। घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हम सुनिश्चित करेंगे कि श्री चौरसिया के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।" केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि श्री चौरसिया के परिवार ने शिकायत की है कि उनका शव जबरन ले जाया गया। उन्होंने कहा कि चौरसिया के परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी बेरहमी से हत्या की गई। उन्होंने कहा, "मैं बंगाल के लोगों को बताना चाहता हूं कि भाजपा हिंसा के खिलाफ लड़ रही है। बंगाल में, विपक्ष की आवाजों को दबाना, उन्हें हिंसा से डराना कोई नई बात नहीं है। पहले यह कम्युनिस्ट शासन के तहत होता था, अब तृणमूल कांग्रेस के शासन में वह विरासत अत्यधिक उत्साह के साथ जारी है।" इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता अतिन घोष ने दावा किया कि श्री चौरसिया उनके कार्यकर्ता थे और नगर निकाय चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी के सक्रिय रूप से काम किया था।
शनिवार, 7 मई 2022
चौरसिया की ‘राजनीतिक हत्या’ की सीबीआई से करायी जाए जांच : शाह
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें