- न्यायालय के आदेश पर कराया जा रहा है सर्वे , सर्वे शुक्रवार शाम 6 बजे तक चला , चौक क्षेत्र छावनी में तब्दील हो चुका है
वाराणसी (सुरेश गांधी) श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे के दौरान एक पक्ष ने न सिर्फ विरोध किया, बल्कि सर्वे की टीम के खिलाफ नारेबाजी की। अदालत की ओर से नियुक्त कमिश्नर और उनके साथ की टीम पहुंची तो सड़क पर हंगामा हो गया। बाद में पुलिस ने मामले में दोनों तरफ के लोगों समझाया और सड़क की ओर तितर-बितर किया. हालांकि बाद में सर्वे का काम शुरू हो गया. तीन घंटे तक चले सर्वे के बाद बताया गया कि कुछ काम बाकी रह गया है, अब 7 मई को इसी समय फिर सर्वे होगा। नारेबाजी और हंगामे के बाद पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है. यह वीडियोग्राफी और सर्वे अदालत के आदेश पर कराया जा रहा है। बता दें, शुक्रवार को दोपहर बाद 3 बजे सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से नियुक्त कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र सर्वे करने पहुंचे थे। उनके सथ दोनों पक्ष की सर्वे टीम थी। अधिवक्ताओं के मंदिर में प्रवेश के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इसी दौरान दूसरे पक्ष से हर हर महादेव के नारे लगे. स्थिति तनावपूर्ण न हो पाए इसके लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला और किसी तरह दोनों तरफ के लोगों को समझाया और सड़क से गलियों की ओर दाखिल कराया। मुस्लिम पक्ष के प्रबुद्ध लोग पहुंचे और तत्काल सभी को वहां से हटाया गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों को दालमंडी की गली में भेज दिया गया. हालांकि कुछ देर बाद सर्वे टीम अंदर पहुंच गयी और अपना काम करना शुरू कर दिया. दूसरी ओर सर्वे शुरू होने से पहले जुमा की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. दरअसल, श्रृंगार गौरी मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट द्वारा नियुक्त आयुक्त द्वारा मस्जिद का सर्वेक्षण किया जाना है. यह सर्वे शुक्रवार शाम 6 बजे तक चला। सर्वेक्षण टीम में पक्ष और विपक्ष के कुल 36 लोग शामिल थे।
दोनों पक्षों का कथन
दावा है कि श्रृंगार गौरी का मंदिर जो ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है और मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है. हिंदू समाज के ज्यादातर लोगों का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. हिंदू पक्षकारों का मानना है कि पहले यहां मंदिर हुआ करता था. दावा किया जा रहा है कि यहां बजरंग बली की मूर्ति है, साथ ही अंदर गणेश जी की भी मूर्ति है. इसके अलावा दावा ये किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है. हालांकि अब जब ये सर्वे होगा तब सच्चाई सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकार का कहना है कि वे मस्जिद में किसी को घुसने नहीं देंगे. इस पर संत समिति का दावा है कि विरोध इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनी है और सर्वे से इसकी सच्चाई सामने आ जाएगी.
हवन-पूजन संग की गई प्रार्थना
परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे का मस्जिद कमेटी से जुड़े पक्षकारों ने विरोध दर्ज कराया था. आदिगुरु शंकराचार्य जयंती के अवसर पर काशी के सुमेरु पीठ में दंडी स्वामी और संन्यासियों ने हवन-पूजन किया. कामना की गई कि ज्ञानवापी परिसर में शांतिपूर्वक वीडियोग्राफी और किसी प्रकार का कोई विघ्न ना हो.
कार्रवाई के विरोध का हुआ था ऐलान
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव ने पहले ही कार्रवाई का विरोध करने का ऐलान किया था. हालांकि इंतजामिया कमेटी के वकीलों ने कहा कि कानून की बात मानेंगे पर कुछ अलग होगा तो शिकायत करेंगे. मामले को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस पहले से अलर्ट पर रही।
काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट पर नमाज
सर्वे के दौरान एक महिला काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नम्बर 4 पर नमाज पढ़ने लगी. महिला को हिरासत में लिया गया. वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के अनुसार उसके पास से हिंदू देवी-देवाओं की फोटो मिली है. उसके परिवार वालों से बात की गई तो पता चला कि उसकी दिमागी स्थिति ठीक नहीं है. नमाजी महिला को पकड़ कर थाने ले गए हैं. उसकी पहचान जैतपुरा निवासी आयशा के तौर पर हुई है. उक्त महिला आयशा पत्नी मो. हनीफ निवासी जैतपुरा का इलाज मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजय कुमार सिंह की देखरेख में किया जा रहा है। महिला ने बताया कि मेरे पति की पहली पत्नी से सात बच्चे हैं। जिन्होंने मुझे घर से निकाल दिया है। मैं मानसिक रूप से परेशान रहती हूं।
10 मई को मांगी गई रिपोर्ट
श्रृंगार गौरी और देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे में एकत्र किए गए सबूतों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा. सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने यह आदेश पुलिस आयुक्त को दिया है. सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य के मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रंगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है. यहां नियमित दर्शन पूजन की मांग की गई है. इस दौरान कोर्ट का आदेश है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी हो.
चौक क्षेत्र छावनी में तब्दील
कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने खुद कमान संभाल रखी है। इतना ही नहीं लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ-साथ आईबी की टीमें भी सादी वर्दी में क्षेत्र में हैं।
सिर्फ देखने के मकसद से जमा थे लोग
इधर, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के ट्रस्टी डॉ बृज भूषण ओझा ने कहा कि जब कोई झांकी निकलती है तो लोग उसमें शामिल होने के लिए उत्सुक रहते हैं। यही कारण है कि यहां आज इतनी भीड़ है। इसका कोई और मतलब नहीं है। जिन्होंने अदालत के आदेश की अवमानना की है उनकी नागरिकता साबित होनी चाहिए कि वो भारतीय हैं या किसी दूसरे देश के है।
यह है मामला
नई दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की ओर से 18 अगस्त 2021 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। वाद में कहा गया है कि भक्तों को मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन एवं अन्य अनुष्ठान करने की अनुमति देने के साथ ही परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखा जाए। वाद में प्रदेश सरकार के अलावा जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। इस वाद पर मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे
कमीशन की कार्रवाई के दौरान निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम पहुंची है। वादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पंकज गुप्ता व शिवम शुक्ल भी मौके पर मौजूद थे। हरिशंकर जैन ने अयोध्या राम मंदिर मुकदमे में भी हिंदू महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी।
जुमे की नमाज के लिए उमड़ी भीड़
जुमे की नमाज के लिए ज्ञानवापी में भारी भीड़ उमड़ी। आमतौर पर यहां जुमे की नमाज के लिए तीन से चार सौ नमाजी पहुंचते हैं। सर्वे को लेकर विवाद के बीच शुक्रवार को करीब 2300 से 2400 लोग नमाज पढ़ने पहुंचे। सभी को चेकिंग के बाद अंदर जाने दिया गया। हालांकि काफी ऐसे लोग भी थे जो कुछ देर से पहुंचे और उन्हें बाहर ही रोक दिया गया।
उपद्रवियों पर हो सख्त कार्रवाई अजीत सिंह बग्गा
वराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने ज्ञानवापी प्रकरण में बाबा विश्वनाथ मंदिर के गेट के सामने हुए हंगामें की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए प्रशासन से मांग की है ऐसे उपद्रवियों को चिन्हित कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएं। उन्हें कहा कि ये उपद्रवी किसी साजिश के तहत शहर का माहौल बिगाड़ना चाहते है। उनका कहना है कि सर्वे का काम न्यायालय के आदेश पर हो रहा है, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि देर से ही सही 350 साल से अधिक विवाद का निपटारा पर जब न्यायालय की पहल पर हो रहा है तो रोडे अटकाना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने उपद्रवियों को चेतावनी दी है कि अब सूबे में दबंगई नहीं न्याय होता है और न्याय से पहले ही हंगामा करना दर्शाता है कि एक पक्ष माहौल खराब करना चाहता है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि ऐसे उपद्रवियों को चिन्हित रासुका के तहत कार्रवाई हो वरना कल ये उपद्रवी कुछ बड़ा भी कर सकते है।
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